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महाराष्ट्रः डिप्टी सीएम पद देने को तैयार है बीजेपी लेकिन शिवसेना अपनी मांग पर अड़ी!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 28, 2019 08:40 IST

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का मानना था कि वो बहुमत के लिए जरूरी 145 सीट हासिल कर लेगी और शिवसेना की जरूरत नहीं पड़ेगा। दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा और नतीजे सामने आने के बाद स्पष्ट हुआ कि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए शिवसेना, कांग्रेस अथवा एनसीपी की जरूरत है।

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ठळक मुद्दे 1995 में बीजेपी और शिवसेना के बीच ज्यादा सीट का अंतर नहीं था लेकिन फिर भी बीजेपी ने डिप्टी सीएम के पद से संतोष किया था।दोनों पार्टियों के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत चल रही है और सोमवार के बाद ही कोई औपचारिक फैसला लिया जाएगा।

महाराष्ट्र में शिवसेना लगातार सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी के फार्मूले का दबाव बना रही है। इस बीच बीजेपी अपनी सहयोगी शिवसेना को डिप्टी सीएम का पद देने को तैयार हो गई है। इंडियन एक्सप्रेस ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सीएम देवेंद्र फडनवीस ने शिवसेना को डिप्टी सीएम का ऑफर दिया है। हालांकि दोनों पार्टियों के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत चल रही है और सोमवार के बाद ही कोई औपचारिक फैसला लिया जाएगा।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का मानना था कि वो बहुमत के लिए जरूरी 145 सीट हासिल कर लेगी और शिवसेना की जरूरत नहीं पड़ेगा। दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा और नतीजे सामने आने के बाद स्पष्ट हुआ कि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए शिवसेना, कांग्रेस अथवा एनसीपी की जरूरत है। शिवसेना ने अपने सहयोगी दल भाजपा से शनिवार को लिखित में आश्वासन मांगा कि वह महाराष्ट्र में ‘सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी के फार्मूले’ को लागू करेगी।

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा कि यह पार्टी को स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा, 'सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी का सवाल ही नहीं है। यह तभी मायने रखता जब बीजेपी और शिवेसना को बराबर सीटें मिली होती। बीजेपी को शिवसेना दो दोगुनी सीटें मिली हैं। ऐसे में शिवसेना को सीएम पद क्यों मिलना चाहिए?' बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतिवार ने कहा कि फडनवीस निश्चित रूप से मुख्यमंत्री बनेंगे। शिवसेना को सीएम पद देने का सवाल ही नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस ने एक बीजेपी नेता के हवाले से लिखा कि 1995 में बीजेपी और शिवसेना के बीच ज्यादा सीट का अंतर नहीं था लेकिन फिर भी बीजेपी ने डिप्टी सीएम के पद से संतोष किया था। 1995 के विधानसभा चुनाव में शिवेसना को 73 सीटें मिली थी और सीएम मनोहर जोशी बनाए गए थे। बीजेपी को 65 सीटें मिली थी और डिप्टी सीएम गोपीनाथ मुंडे बनाए गए थे।

रविवार को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में कहा गया कि भारतीय जनता पार्टी ने 106 सीटें जीतीं और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। यह स्पष्ट बहुमत है लेकिन 'गठबंधन' के बावजूद दोनों दलों को बड़ी सफलता नहीं मिली है। 2014 में भाजपा ने 122 सीटें और शिवसेना ने 63 सीटें जीती थी। शिवसेना ने यह सफलता तब हासिल की जब वह बड़ी ताकत और जबरदस्त धन से टकराई। इस बार सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन के बावजूद शिवसेना 56 सीटों पर रही। हालांकि यह 56 अपेक्षाकृत कम संख्या है, लेकिन महाराष्ट्र की सत्ता का 'रिमोट कंट्रोल' उद्धव ठाकरे के हाथ में है।

बीजेपी महाराष्ट्र में 105 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में शिवेसना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली है। यहां बहुमत का आंकड़ा पार करने के लिए 145 सीटों की जरूरत है।

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