लाइव न्यूज़ :

नागपुर में मिली 4000 साल पुरानी फैक्ट्री, बनाए जाते थे मनके, विदेशों में भी होता था निर्यात

By वसीम क़ुरैशी | Updated: September 30, 2021 19:58 IST

नागपुर के माहुझरी में इन दिनों रोड का काम चल रहा है. रोड के लिए की गई खुदाई के दौरान मनकों के आभूषण तैयार करने के लिए तराशे गए पत्थर और कच्चा माल एएसआई की टीम की निगाह में आया.

Open in App
ठळक मुद्देनागपुर में जीरो माइल से 14 किलोमीटर दूर काटोल रोड स्थित माहुरझरी पर मिली 4000 साल पुरानी फैक्ट्रीसंरक्षित स्थल के रूप में घोषित करने की पहल, अगर ऐसा होता है तो यह नागपुर सर्कल का 14वां पुरातात्विक महत्व का स्थल होगा

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में जीरो माइल से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर काटोल रोड स्थित माहुरझरी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 4000 साल पुरानी मनके बनाने की फैक्ट्री खोजी है. यहां न केवल आभूषण के लिए मनके बनाए जाते थे बल्कि विदेशों तक में निर्यात किए जाते थे. 

हालिया खोज में कई नई चीजें मिलने के साथ ही इसे संरक्षित घाोषित किए जाने का लेकर प्रस्ताव एएसआई मुख्यालय भेजा गया है. इसकी मंजूरी के पूरे आसार जताए जा रहे हैं. यदि ये संरक्षित स्थल के रूप में घोषित हो जाता है तो यह नागपुर सर्कल का 14वां पुरातात्विक महत्व का स्थल होगा.

पत्थरों के आभूषण बनाने के लिए कच्चा माल मिला

फेटरी में जूनापानी के पास माहुरझरी में ये स्थल एक नाले के पास मौजूद है. यहां पत्थरों के आभूषण बनाने के लिए कच्चा माल, इसे तैयार करने के लिए एक विशेष कक्ष, उत्पादन में लगने वाले पत्थरों से बने उपकरण मिले हैं. ये उपकरण उस काल में विदर्भ में रहने वाले मानव की रचनात्मकता को प्रदर्शित करते हैं. 

पत्थर को बेहद खूबसूरती से तराशने के उस काल के मानव के तरीके काफी दिलचस्प नजर आते हैं. इसके अलावा यहां उस काल में दफनाए गए लोगों के कंकाल भी मिले हैं. वृहद पाषाणकाल के दौर में यहां पत्थरों में बारीक से बारीक सुराख करने की तकनीक का पता चलना भी काफी उल्लेखनीय बात है. 

एएसआई ने इस प्रोजेक्ट को साल्वेजिंग आर्कियोलॉजी नाम दिया है. नागपुर शहर से सटे इस बड़े पुरातात्विक महत्व के स्थल से संबंधित पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

मेगालिथिक व लौह युगीन संस्कृति का स्थान है विदर्भ

इस अहम खोज पर वरिष्ठ पुरातत्वविद् चंद्रशेखर गुप्त ने कहा, 'दक्कन के तहत विदर्भ में नागपुर, गाोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, गढ़चिरोली तक मेगालिथिक व लौहयुग संस्कृति का स्थान है. माहुरझरी भी इसमें शामिल है. इस काल में बड़े पत्थरों के घेरे बनाकर लोग अपने परिवार के मृतकों का उनके सामान के साथ दफन करते थे. इनके कंकाल भी मिले हैं. हमने इस विषय में अध्ययन किया था. हाल ही में यहां कुछ और अवशेष पाए गए हैं. एएसआई की टीम इसमें काम कर रही है.

रोड बनने के दौरान नजर आए थे पत्थर

माहुझरी में इन दिनों रोड का काम चल रहा है. रोड के लिए की गई खुदाई के दौरान मनकों के आभूषण तैयार करने के लिए तराशे गए पत्थर और कच्चा माल एएसआई की टीम की निगाह में आया था. हालांकि करीब तीन माह पूर्व एएसआई की टीम इस स्थल विशेष पर केवल पौधारोपण करने गई थी.

टॅग्स :महाराष्ट्रनागपुर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतMaharashtra Local Body Polls 2025: राज्य के 242 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान, 3 को होगी मतगणना

भारतमहाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आखिरी समय में नगर निगम चुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की | VIDEO

भारत अधिक खबरें

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट