महाराष्ट्र: भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत
By भाषा | Published: January 9, 2021 02:19 PM2021-01-09T14:19:42+5:302021-01-09T14:19:42+5:30
भंडारा, नौ जनवरी महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात विशेष नवजात देखरेख इकाई में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई जबकि सात बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया। डॉक्टरों ने यह जानकारी दी।
एक डॉक्टर ने बताया कि नवजात बच्चों की आयु एक महीने से तीन महीने के बीच थी। राज्य स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि तीन नवजात शिशुओं की जलने से, वहीं सात शिशुओं की दम घुटने से मौत हो गई। साथ ही उन्होंने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि घटना में जान गंवाने वाले शिशुओं के परिजन को पांच-पांच लाख रुपए अनुग्रह राशि के तौर पर दिए जाएंगे।
डॉक्टरों के अनुसार भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात एक बजकर 30 मिनट के आसपास आग लग गयी। इकाई में 17 बच्चे थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया।
टोपे ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘प्रारंभिक सूचनाओं से पता चला है कि भंडारा जिला अस्पताल में तीन नवजात शिशुओं की आग में जलने से वहीं सात शिशुओं की धुएं में दम घुटने से मौत हो गई।’’
जिला सिविल सर्जन प्रमोद खंडाते ने बताया कि भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात एक बजकर 30 मिनट के आसपास आग लग गयी। इकाई में 17 बच्चे थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले एक नर्स ने अस्पताल के नवजात शिशु देखभाल विभाग से धुआं उठते देखा। उसने डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को चौकस किया और वे पांच मिनट के भीतर वहां पहुंच गए।
उन्होंने बताया कि दमकल कर्मियों ने इकाई के ‘इनबाउंड वार्ड’ से सात बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन 10 बच्चों को बचाया नहीं जा सका।
खंडाते ने बताया कि बच्चों को जिस वार्ड में रखा जाता है, वहां लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत होती है।
उन्होंने बताया, ‘‘वहां आग बुझाने वाले उपकरण थे और कर्मियों ने उनसे आग बुझाने की कोशिश की। वहां काफी धुआं हो रहा था।’’
उन्होंने बताया कि आग का शिकार होने वाले बच्चों के माता-पिता को इसकी जानकारी दे दी गई है और बचाए गए सात बच्चों को दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि आईसीयू वार्ड, डायलिसिस और लेबर वार्ड से रोगियों को सुरक्षित दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है। अभी तक चार मंजिला इमारत में आग लगने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शॉर्ट सर्किट होने का संदेह है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ड्यूटी पर मौजूद चिकित्साकर्मियों ने नवजात सघन देखरेख इकाई की खिड़कियां और दरवाजे खोल दिए और शिशुओं को साथ लगे वार्डों में स्थानांतरित किया। वे सात शिशुओं को बचाने में सफल रहे लेकिन 10 शिशुओं की जाने नहीं बचा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और मामले की पूरी तरह जांच के आदेश दिए गए हैं। इस दुखद घटना से सबक लेकर हम आगे ऐसी घटनाओं को होने से रोकेंगे।’’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र के भंडारा में हुई हृदय-विदारक घटना में हमने कई अनमोल मासूमों को खो दिया। मेरी संवदेनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र के भंडारा में हुए अग्निकांड में शिशुओं की असामयिक मृत्यु से मुझे गहरा दु:ख हुआ है। इस हृदय-विदारक घटना में अपनी संतानों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’
वहीं राहुल गांधी ने कहा, ''भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बहुत ही दुखद है। बच्चों के परिवारों के साथ मेरी संवेदना है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं महाराष्ट्र सरकार से अपील करता हूं कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद मुहैया कराई जाए।"
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दुख प्रकट करते हुए कहा, ‘‘ भंडारा सिविल अस्पताल में आग लगने की घटना से बेहद दुखी हूं। इस घटना का शिकार हुए मासूम बच्चों के परिजन के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को ‘बेहद दर्दनाक’ बताते हुए विस्तृत जांच की मांग की है।
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