मध्य प्रदेश: शिवराज के मंत्री ने जय किसान ऋण माफी योजना को बताया धोखा देने वाली स्कीम, बंद करने के दिए संकेत
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 30, 2020 06:56 AM2020-04-30T06:56:29+5:302020-04-30T07:06:19+5:30
सरकार की ओर से कृषि मंत्री कमल पटेल ने जय किसान ऋण माफी योजना को धोखा देने वाली योजना बताते हुए इसे बंद करने के संकेत दिए हैं. वहीं कांग्रेस ने योजना बंद किए जाने पर सड़क पर उतरने की बात कही है.
राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही किसान कर्ज माफी का मुद्दा फिर गर्मा गया है. इसे लेकर शिवराज सरकार और कांग्रेस आमने-सामने हो गए हैं. सरकार की ओर से कृषि मंत्री कमल पटेल ने जय किसान ऋण माफी योजना को धोखा देने वाली योजना बताते हुए इसे बंद करने के संकेत दिए हैं. वहीं कांग्रेस ने योजना बंद किए जाने पर सड़क पर उतरने की बात कही है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कमलनाथ सरकार ने किसान कर्ज माफी के नाम पर प्रदेश के किसानों के साथ धोखाधड़ी की है. ऐसी धोखाधड़ी के शिकार हुए प्रदेश के किसान कांग्रेस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं, हम किसानों के साथ खड़े हैं.
पटेल ने कहा कि, प्रदेश की सत्ता में आने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश के 48 लाख किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. कर्ज माफ करने के लिए कांग्नेस ने 10 दिन का वक्त तय किया था लेकिन सवा साल गुजरने के बाद भी किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के नाम पर जगह-जगह किसानों को प्रमाण पत्र बांट दिए गए, लेकिन आज भी किसानों के सिर पर कर्जा चढ़ा हुआ है.
पटेल कहा है कि, ऐसी धोखाधड़ी के शिकार हुए किसानों को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कांग्रेस नेताओं के खिलाफ थानों में रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए. मंत्री पटेल ने कहा कि धोखाधड़ी के शिकार हुए किसानों के साथ मैं खड़ा हूं. कांग्रेस ने किसानों को धोखा दिया है. कर्जमाफी का जमकर ढिंढोरा पीटा, लेकिन एक भी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ.
वहीं पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने शिवराज सरकार को चुनौती दी है. सचिन यादव ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी बंद हुई तो किसानों के साथ कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी. यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के पहले और दूसरे चरण में 22 लाख किसानों के 1 लाख रुपए से लेकर 2 लाख तक के कर्ज माफ किए हैं.
पूर्व मंत्री उमंग सिंंघार ने भी कांग्रेस पर दगाबाजी के आरोपों का खंडन किया और कहा कि यदि कमलनाथ सरकार होती तो 1 लाख के साथ साथ 2 लाख का भी किसानों का कर्जा माफ किया जा चुका होता.
पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जब कमलनाथ सरकार बनी थी, तब खजाना खाली था. उसके बावजूद हमने किसानों का 1 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया. शिवराज सरकार को यह सोचना चाहिए कि कैसे किसानों की फसल खरीदी जाए और उनका पैसा उनके खातों में पहुंचे इस पर सोचना चाहिए. कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी.