मध्य प्रदेश: पूर्व एवं वर्तमान डीजीपी सहित 15 अधिकारियों, कर्मचारियों को न्यायालय हाजिर होने के नोटिस जारी
By संजय परोहा | Published: July 6, 2023 07:49 PM2023-07-06T19:49:59+5:302023-07-06T19:53:11+5:30
मामला पचपेड़ी निवासी सेवा निवृत्त उप पुलिस अधीक्षक अशोक राणा के खिलाफ द्वेषपूर्ण आशय से संस्थित की गई विभागीय जांच से संबंधित है।
भोपाल: न्यायालय विपिन सिंह षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश, जबलपुर के यहाँ से पूर्व डीजीपी सुरेन्द्र सिंह एवं वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना सहित अन्य 15 अधिकारियों व कर्मचारियों को 17 जुलाई को न्यायालय हाज़िर होने के नोटिस जारी किए गए हैं। मामला पचपेड़ी निवासी सेवा निवृत्त उप पुलिस अधीक्षक अशोक राणा के खिलाफ द्वेषपूर्ण आशय से संस्थित की गई विभागीय जांच से संबंधित है।
अशोक राणा अपनी जिला कटनी में पदस्थापना के दौरान वर्ष 2014 में अस्वस्थता के चलते पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर से एक माह का अवकाश स्वीकृत कराकर जांच एवं उपचार हेतु रवाना हुए थे एवं मेडिकल कॉलेज जबलपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रशांत पुणेकर की सलाह अनुसार उनके द्वारा विभाग को सूचित करते हुए अपने स्वीकृत अवकाश का प्रसार किया गया था। स्वस्थ होने के उपरांत चिकित्सकीय सलाह अनुसार वह अपने कर्तव्य पर उपस्थित हो गए थे।
उक्त प्रकरण में पुलिस विभाग के आला अफसरान द्वारा अपर्याप्त व अनुचित आधारों पर श्री अशोक राणा के विरुद्ध ना सिर्फ विभागीय जांच संस्थित की अपितु उन्हें उनकी पेंशन में दस प्रतिशत की स्थाई रूप से कमी के अमानवीय दण्ड से भी दण्डित करते हुए आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
कालान्तर में उक्त दण्ड अशोक राणा द्वारा प्रस्तुत याचिका क्रमांक 22687/2017 की सुनवाई उपरांत माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. की एकल पीठ द्वारा निरस्त किया जाकर याचिका कर्ता उप पुलिस अधीक्षक की पेंशन से काटी गई राशि उसे वापस करने के आदेश दिनांक 7 जून 2021 को जारी किए गए थे। शासन द्वारा प्रस्तुत अपील याचिका क्रमांक 1169/2021 माननीय उच्च न्यायालय की युगल पीठ द्वारा दिनांक 6 दिसंबर 2021 को स्वीकार योग्य ना होने से निरस्त गई थी। तदुपरांत गृह विभाग द्वारा भी अपना दण्ड आदेश वापस ले लिया गया था।
उक्त द्वेष पूर्ण कार्यवाही से व्यथित होकर उप पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने अधिवक्ता जी.एस.ठाकुर एवं संजय सोनी के माध्यम से दिनांक 17 दिसंबर 2021 को न्यायालय नेहा तोमर सिंह जबलपुर के समक्ष परिवाद क्रमांक सी.एन.आर. एम.पी. 20010487862021 प्रस्तुत किया गया था जो माननीय न्यायालय द्वारा 29 अप्रैल, 2023 को ख़ारिज कर दिया गया।
इसके विरुद्ध याचिका कर्ता के विद्वान अधिवक्ता गण द्वारा सत्र न्यायालय जबलपुर में पुनरीक्षण याचिका क्रमांक 16961/2023 पेश की गई जिस पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय विपिन सिंह भदौरिया,षष्टम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, जबलपुर द्वारा 23 जून 2023 को यह आदेशित किया कि प्रकरण में विधि एवं तथ्य संबंधी सारभूत प्रश्न अंतरग्रस्त हैं अत: गुण दोष पर निराकरण हेतु पुनरीक्षण याचिका ग्राह्य की जाती है।
माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 17 जुलाई 2023 को न्यायालय हाज़िर होने के लिए पूर्व एंव वर्तमान डीजीपी सहित भा.पु.से. के अन्य 4 अधिकारी सर्वश्री डी.श्रीनिवास राव, गौरव राजपूत, राजेश हिंगणकर, यशपाल राजपूत तथा ए.एस.पी. देवेन्द्र प्रताप सिंह राजपूत,आभा टोप्पो,एवं निरीक्षक पी.एल.प्रजापति, उप निरीक्षक आर.पी.तिवारी,आर.के.पुरसानी, पंकज ताम्रकार, नरेश विशेवकर्मा, सरस्वती नामदेव, राजीव दुबे, पुरुषोत्तम गौतम, कोदूलाल को नोटिस जारी किए गए हैं।