भोपाल, 11 सितंबर: एससी-एसटी एक्ट में केंद्र सरकार के संशोधन के खिलाफ सामान्य वर्ग के विरोध ने अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। 2019 का लोकसभा चुनाव हो या फिर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के होने वाले विधानसभा चुनाव सब पर इनका असर देखने को मिलेगा। ताजा उदारहण मध्यप्रदेश के मुरैना का है। यहां कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने सभा को संबोधित कर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। मुरैना में कमलनाथ को सवर्ण समाज के युवाओं का विरोध झेलना पड़ा। ये विरोध एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ था।
रास्ते में दिखाए गए काले झंडे
सभा स्थल पर रवाना होने से पहले कमलनाथ को रास्ते में काले झंडे भी दिखाए गए। बाद में उनकी गाड़ी पर काले झंडों के साथ कीचड़ भी फेंका गया। कमलनाथ के साथ यहां अजय सिंह को सपाक्स और अन्य संगठनों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। नैनागढ़ रोड पर पहले से जमा कार्यकर्ताओं ने न केवल कमलनाथ को काले झंडे दिखाए बल्कि कीचड़ भी गाड़ियों पर फेंक दी।
पुलिस के साथ भी हुई झड़प
विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हुई। बड़ी मुश्किल से कमलनाथ की गाड़ी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच पाई। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही सपाक्स संगठनों के नेताओं ने ऐलान कर दिया था कि वह कमलनाथ का विरोध करेंगे। हालाँकि प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए नैनागढ़ रोड पर भारी पुलिस बल लगाया था लेकिन सुरक्षा बीच भी प्रदर्शन कारी कमलनाथ को काले झंडे दिखाने में सफल रहे।
शिवराजसिंह चौहान भी हो चुके हैं शिकार
गौरतलब है कि इससे पहले सीधी में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भी इस विरोध का सामना करना पड़ा था। राज्य के कई जिलों में मंत्रियों को अब विरोध का सामना करना पड़ा है। सामान्य वर्ग के विरोध का अधिकतर शिकार बीजेपी के मंत्री, सांसद और विधायक होते रहे हैं। विरोध का सामना करने वाले बीजेपी के दिग्गज नेताओं में केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, सांसद रीति पाठक के नाम शामिल है।