मध्य प्रदेश: इंदौर में कंप्यूटर बाबा के 'अवैध निर्माण' पर चल गया बुलडोजर, 6 लोग लिए गए हिरासत में
By विनीत कुमार | Published: November 8, 2020 10:44 AM2020-11-08T10:44:49+5:302020-11-08T10:48:09+5:30
इंदौर में जिला प्रशासन ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कंप्यूटर बाबा से जुड़े एक अवैध निर्माण का ढहा दिया। प्रशासन के काम में बाधा डालने के आरोप में 6 लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
मध्य प्रदेश के इंदौर में जिला प्रशासन ने रविवार सुबह एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नामदेव दास त्यागी (कंप्यूटर बाबा) से जुड़े एक अवैध निर्माण का ढहा दिया। यह निर्माण ग्राम जमूडीहब्शी में किया गया था।
अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई के लिए कलेक्टर मनीष सिंह की देखरेख में ADM अजय देव शर्मा और अन्य SDM सहित पुलिस अधिकारियों की टीम सुबह पहुंची थी।
इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। एडीएम (इंदौर) ने बताया कि 6 लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। वे प्रशासन की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। गांधीनगर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत यह कार्रवाई हुई।
#WATCH Madhya Pradesh: District Administration today demolished an illegal construction belonging to Computer Baba in Indore.
— ANI (@ANI) November 8, 2020
"Six people have been detained as they tried to obstruct demolition process," says Additional District Magistrate (ADM), Indore pic.twitter.com/iX7ggDRk0k
बता दें कि कंप्यूटर बाबा कभी सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माने जाते थे। साल 2018 में शिवराज सरकार में उन्हें राज्यमंत्री का भी दर्जा दिया गया था। हालांकि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का साथ देने की घोषणा की और पद से इस्तीफा दे दिया था।
हाल में हुए मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी कंप्यूटर बाबा ने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। वे कई मौकों पर शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए नजर आए थे। 2018 के चुनाव के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में आई कांग्रेस की सरकार में कंप्यूटर बाबा को नर्मदा-क्षिप्रा नदी न्यास का अध्यक्ष बनाया गया था।
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी कंप्यूटर बाबा ने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था और पीएम नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, 'पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पहले पांच साल में अयोध्या में राम मंदिर नहीं बना पाई, इसलिए अब ‘राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं’।'