मध्यप्रदेश में गिर सकती है कांग्रेस सरकार, जानें क्या कहते हैं आंकड़े.. कौन किसपर पड़ेगा भारी
By गुणातीत ओझा | Published: March 11, 2020 05:01 PM2020-03-11T17:01:00+5:302020-03-11T17:01:00+5:30
सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उनके साथ ही 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
मध्यप्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। नड्डा ने सिंधिया को पार्टी की सदस्यता दिलाई। भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता दिवंगत राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ज्योतिरादित्य जी आज अपने परिवार में शामिल हो रहे हैं, मैं इनका स्वागत करता हूं और हार्दिक अभिनन्दन भी करता हूं।’’
सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उनके साथ ही 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।
आकड़ों में जानें मध्यप्रदेश में अब क्या है सियासी गणित
मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत है। वर्तमान में दो विधायकों के निधन से उनकी सीटें खाली हैं जबकि एक बसपा विधायक निलंबित हैं। इस हिसाब से अभी सदन में कुल 227 विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं भाजपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी। बहुजन समाज पार्टी के 2, समाजवादी पार्टी के एक और 4 निर्दलीय विधायकों की मदद से राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुई थी। कांग्रेस के 21 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सियासी आंकड़े कांग्रेस के पक्ष में नहीं हैं।
विधायकों के इस्तीफे से पहले की मध्यप्रदेश विधानसभा
कुल- 227 विधायक (2 का निधन और एक बसपा विधायक निलंबित)
कांग्रेस 114+6 सहयोगी= 120
भाजपा = 107
विधायकों के इस्तीफों के बाद की मध्यप्रदेश विधानसभा
कुल विधायक= 227-21 = 206
बहुमत का मौजूदा आंकड़ा = 104
कांग्रेस+ सहयोगी= 120-21= 99 (बहुमत से 5 कम)
भाजपा = 107 (बहुमत से 3 अधिक)