मध्य प्रदेश: ट्रांसपोर्टर हड़ताल से ईंधन की किल्लत, पेट्रोल पंपों पर लगीं वाहनों की लम्बी कतारें

By भाषा | Published: October 7, 2019 04:25 PM2019-10-07T16:25:44+5:302019-10-07T16:25:44+5:30

मध्यप्रदेश में भारी वर्षा के कारण हुए व्यापक नुकसान से निपटने को आवश्यक धन जुटाने के प्रयासों के तहत पेट्रोल और डीजल पर पिछले महीने पांच-पांच प्रतिशत वैट बढ़ा दिया गया था। इस फैसले के बाद प्रदेश में वैट की दर डीजल पर 23 प्रतिशत और पेट्रोल पर 33 प्रतिशत हो गयी है। 

Madhya Pradesh: Fuel shortage due to transporter strike, long queues of vehicles at petrol pumps | मध्य प्रदेश: ट्रांसपोर्टर हड़ताल से ईंधन की किल्लत, पेट्रोल पंपों पर लगीं वाहनों की लम्बी कतारें

मध्य प्रदेश: ट्रांसपोर्टर हड़ताल से ईंधन की किल्लत, पेट्रोल पंपों पर लगीं वाहनों की लम्बी कतारें

मध्य प्रदेश में ट्रांसपोर्टरों की तीन दिन से जारी हड़ताल से सूबे की आर्थिक राजधानी इंदौर में पेट्रो ईंधनों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। नतीजतन पेट्रोल पम्पों पर वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारें देखी जा रही हैं। सूत्रों ने बताया कि शहर के 95 पेट्रोल पम्पों में से करीब 50 फीसद में रविवार रात ईंधन स्टॉक खत्म हो गया।

सोशल मीडिया पर ईंधन की किल्लत की खबरें फैलते ही घबराये लोगों ने पेट्रोल पम्पों का रुख किया जिससे वहां वाहनों की लम्बी कतारें लग गयीं। इसके बाद जिला प्रशासन ने हरकत में आते हुए सोमवार को पेट्रोल पम्प संचालकों की बैठक बुलायी और हालात का जायजा लिया।

अधिकारियों ने बताया कि शहर के ईंधन पम्पों को आपूर्ति के लिये भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) से 80 टैंकर पेट्रोल-डीजल मंगाया गया है।

जिलाधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने संवाददाताओं से कहा, "शहर के जिन पेट्रोल पम्पों में ईंधनों का स्टॉक खत्म हो गया है, वहां स्थिति जल्द ही सामान्य हो जायेगी। उन्होंने आगाह किया कि शहर में ईंधन के संकट को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहें और अपुष्ट सूचनाएं पोस्ट करने पर दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत कानूनी कदम उठाये जायेंगे। इस बीच, हड़ताली ट्रांसपोर्टर अपने रुख पर अडिग हैं।

मध्यप्रदेश ट्रक व ट्रांसपोर्ट संघर्ष समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने कहा, "हमारी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।" उन्होंने दावा किया कि हड़ताल के कारण 1.5 लाख टैंकरों समेत करीब 15 लाख छोटे-बड़े वाणिज्यिक वाहनों के चक्के थम चुके हैं और माल की आपूर्ति ठप है। हड़ताली ट्रांसपोर्टरों की मुख्य मांग है कि प्रदेश सरकार पेट्रोल और डीजल पर पांच-पांच प्रतिशत मूल्य संवर्धित कर (वैट) बढ़ाने का फैसला फौरन वापस ले।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में भारी वर्षा के कारण हुए व्यापक नुकसान से निपटने को आवश्यक धन जुटाने के प्रयासों के तहत पेट्रोल और डीजल पर पिछले महीने पांच-पांच प्रतिशत वैट बढ़ा दिया गया था। इस फैसले के बाद प्रदेश में वैट की दर डीजल पर 23 प्रतिशत और पेट्रोल पर 33 प्रतिशत हो गयी है। 

Web Title: Madhya Pradesh: Fuel shortage due to transporter strike, long queues of vehicles at petrol pumps

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