मध्य प्रदेश चुनावः फातिमा के लिए संघ ने लगाई ताकत, भाजपा के बागियों और भितरघातियों को साधने में लगा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 18, 2018 07:35 IST2018-11-18T07:35:31+5:302018-11-18T07:35:31+5:30

भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का किला तोड़ने के लिए भाजपा ने अपनी एक मात्र मुस्लिम प्रत्याशी फातिमा रसूल सिद्दीकी को उतारा है.

Madhya Pradesh Elections: RSS campaigning for fatima win in Bhopal seat | मध्य प्रदेश चुनावः फातिमा के लिए संघ ने लगाई ताकत, भाजपा के बागियों और भितरघातियों को साधने में लगा

मध्य प्रदेश चुनावः फातिमा के लिए संघ ने लगाई ताकत, भाजपा के बागियों और भितरघातियों को साधने में लगा

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में संघ सक्रिय हो गया है. संघ की सक्रियता वैसे तो भाजपा के पक्ष में पूरे प्रदेश में ही है, लेकिन राजधानी के भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र पर उसकी खास निगाह है. भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का किला तोड़ने के लिए भाजपा ने अपनी एक मात्र मुस्लिम प्रत्याशी फातिमा रसूल सिद्दीकी को उतारा है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का उत्तर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस से ज्यादा उसके प्रत्याशी आरिफ अकील का गढ़ माना जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र से अमूमन मुस्लिम प्रत्याशी ही जीतते रहे हैं. 

1993 में संघ की रणनीति के तहत उतारे गए रमेश शर्मा ने जीत हासिल कर इस मिथक को तोड़ा था कि यहां से मुस्लिम के अलावा कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं जीत सकता है. आरिफ अकील ने सबसे पहले 1990 में इस क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता. इसके बाद 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के रमेश शर्मा से हार गए. वे 1993 के बाद हुए 1998, 2003, 2008 और 2013 के विधानसभा के चुनाव में इस क्षेत्र से लगातार कांग्रेस के आरिफ अकील चुनाव जीतते रहे हैं. 

दरअसल, इस विधानसभा क्षेत्र की आबादी का गणित ही कुछ ऐसा है कि यहां पर लगभग आधी आबादी मुस्लिम है. कांग्रेस के विधायक आरिफ अकील को इस समुदाय के अधिकांश मतदाताओं का समर्थन मिलता है, इस कारण वे 2013 में उमा भारती की लहर में भी जीत दर्ज करा सके थे. भाजपा लगातार इस विधानसभा क्षेत्र को फोकस में रखती रही. कभी मुख्यमंत्री तो कभी प्रभात झा को इस क्षेत्र का दायित्व सौंपा गया पर वे आरिफ अकील के किले में सेंध नहीं लगा पाए.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परामर्श से इस बार भाजपा ने भोपाल उत्तर से पूर्व कांग्रेसी मंत्री स्व. रसूल अहमद सिद्दीकी की पुत्री फातिमा रसूल को मैदान में उतारा है. भाजपा की तरफ से प्रत्याशी होने के एक रोज पहले ही उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली थी. वे अपने पिता के नाम पर चुनाव मैदान में हैं. उनके चुनाव अभियान की कमान भले ही स्थानीय तौर पर भोपाल के मेयर आलोक शर्मा संभाल रहे हैं लेकिन असली सूत्रधार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है. जो मतदाताओं के बीच सीधे जाकर माहौल खड़ा कर रहा है. 

संघ से जुड़े सूत्रों का मानना है कि अगर फातिमा अपने पिता के कामों के बदौलत मुस्लिम मतदाताओं में सेंध लगा पाने में कामयाब हो जाती हैं तो भाजपा के आधार वोट बैंक के साथ उनकी जीत सुनिश्चित हो सकती है. इसीलिए भाजपा के साथ-साथ संघ ने खुद अपने आपको भोपाल उत्तर में मैदान में उतार रखा है. यही नहीं, संघ के तमाम अनुषांगिक संगठन भी उत्तर में सक्रिय हो गए हैं. 

संघ की रणनीति के मुताबिक चुनाव अभियान में जुटे सभी भाजपा समर्थक, कार्यकर्ताओं और नेताओं से कहा गया है कि वे इस क्षेत्र में अधिकतम मतदान को सुनिश्चित करें, तभी फातिमा की जीत का मार्ग प्रशस्त होगा. भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों के खड़े हो जाने के साथ ही कांग्रेस और उसके प्रत्याशी आरिफ अकील भी पूरी तेजी के साथ जुट गए हैं. उनकी इस क्षेत्र में पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां एक पूरी बस्ती उनके नाम पर बसी है. इस बस्ती को आरिफ नगर कहा जाता है. इस बस्ती में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि दूसरे धर्मो के मानने वालों की भी आबादी है.

Web Title: Madhya Pradesh Elections: RSS campaigning for fatima win in Bhopal seat

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे