MP चुनावः यहां BJP ने भुगता करणी सेना और ब्राह्मण आंदोलन का खामियाजा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 13, 2018 09:04 IST2018-12-13T09:04:56+5:302018-12-13T09:04:56+5:30

विधानसभा चुनाव 2013 में उज्जैन जिले की सातों विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा ने अपना कब्जा जमा लिया था ।एट्रोसिटी एक्ट के बाद सवर्ण समाज की मुखालफत सामने सबसे पहले भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के आंदोलन से सामने आई।

madhya pradesh election: bjp lost polls in ujjain due to karni sena and brahmin protest | MP चुनावः यहां BJP ने भुगता करणी सेना और ब्राह्मण आंदोलन का खामियाजा

MP चुनावः यहां BJP ने भुगता करणी सेना और ब्राह्मण आंदोलन का खामियाजा

उज्जैन जिले में भाजपा को एट्रोसिटी एक्ट का खामियाजा भूगतना पड़ा है। एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज एक हुआ और कांग्रेस को इसका लाभ मिला। विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा को जिले की 4 सीटों से अपना हक छोडना पड़ा है जबकि भाजपा इन सीटों को लेकर काफी आशान्वित थी।

विधानसभा चुनाव 2013 में उज्जैन जिले की सातों विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा ने अपना कब्जा जमा लिया था ।एट्रोसिटी एक्ट के बाद सवर्ण समाज की मुखालफत सामने सबसे पहले भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के आंदोलन से सामने आई। भाजपा की विधानसभा चुनाव की तैयारी के दौरान ही 16 सितंबर को उज्जैन जिला मुख्यालय पर करणी सेना ने अपना आंदोलन कर शक्ति प्रदर्शन किया था।

आंदोलन में लाखों लोगों ने हिस्सेदारी कर यह जता दिया था कि भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव की डगर आसान नहीं होगी। इस आंदोलन के ठीक बाद अभा ब्राम्हण समाज ने विरोध के स्वर इख्तियार कर 23 सितम्बर को अपने आंदोलन को अंजाम दिया था। इन दो आंदोलन से जिले में सवर्ण समाज पुरी तरह भाजपा से आंतरिक तौर पर खफा दिखाई दे रहा था।

इस दरमियान भाजपा सांसद चिंतामणि मालवीय ओर विधायक मोहन यादव का सवर्ण और सपाक्स के विरूद्ध दिया गया बयान काफी असर कर गया। बाद में विधायक अपने बयान से मुकर गए थे और उन्होंनें उसे तोड मरोड कर प्रस्तुत करने का हवाला देकर मामले से अपना पल्ला झाड लिया था।एट्रोसिटी एक्ट को लेकर सबसे पहले आंदोलन केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत के गृह तहसील नागदा में सामने आया था।

यहां जिस दिन संसद में विधेयक को मंजुरी मिली थी उसी दिन राजपूत समाज के साथ ही सवर्ण समाज ने अपना विरोध दर्ज करवाया था। इस आंदोलन के बाद से ही करणी सेना के आंदोलन की रूपरेखा बनी और सतत रूप से भाजपा के विरूद्ध जिले में एक माहौल बनता रहा जिसे भाजपा का नेतृत्व समझने में नाकामयाब रहा। खास बात यह थी कि दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दलों में भाजपा और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव का श्री गणेश उज्जैन से ही किया था। 

भाजपा सुप्रीमों अमित शाह की उपस्थिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने जनआशिर्वाद यात्रा की शुरूआत उज्जैन से की थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रदेश में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव की रणनीति की शुरूआत उज्जैन से ही की। भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन से यह शुरूआत की गई।

भाजपा एक बार रूष्ट हुए सवर्ण समाज को अंतिम दौर तक साधने में नाकाम रही इसकी अपेक्षा कांग्रेस ने बराबर इन आंदोलन में कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष भूमिका अदा कर इसका लाभ लिया। यही कारण रहा कि एक बार फिर से कांग्रेस जिले में बहुमत की स्थिति में आकर 4 विधानसभा क्षेत्रों में अपना कब्जा जमाने में कामयाब रही और भाजपा को बैक फूट पर आकर 3 विधानसभा क्षेत्रों से ही संतुष्ट होना पड़ा। 

खास बात तो यह है कि भाजपा का नेतृत्व और रणनीतिकार यह बराबर मान रहे थे कि मालवा के गढ़ उज्जैन से चलने वाली हवा प्रदेश में काफी मायने रखती है उसके बावजूद वे सवर्ण की नाराजगी को समझने में भूल कर बैठे।

उत्तर-दक्षिण का इतिहास कायम रहा

उज्जैन की उज्जैन उत्तर और दक्षिण विधानसभा को लेकर संयोग इस बार भी कायम रहा है ।1957 से यह संयोग कायम है कि दोनों विधानसभा क्षेत्र में एक ही दल के विधायक निर्वाचित होते आए हैं। चाहे कितनी भी राजनैतिक उठापटक जारी रहे पर यह संयोग है कि दोनों ही सीटों पर एक ही दल के विधायक निर्वाचित हुए। पिछले 15 विधानसभा चुनाव और 61 वर्ष से यह संयोग बराबर कायम है।विधानसभा चुनाव 2018 में दोनों विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा के प्रत्याशी निर्वाचित हुए हैं।

जिले में कांग्रेस का बहुमत

उज्जैन जिले में वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। जिले की सात मे से एक भी सीट पर उसका प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं बचा था।कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2018 में फिर जोर मारा और स्थिति यह रही की नागदा- खाचरौद से उसके प्रत्याशी दिलीप गुर्जर, घट्टिया से रामलाल मालवीय ,तराना से महेश परमार,बडनगर से मुरली मोरवाल ने जीत दर्ज की है। भाजपा को मात्र उज्जैन उत्तर पारस जैन ,उज्जैन दक्षिण डा. मोहन यादव के साथ महिदपुर बहादुरसिंह चौहान को ही जीत मिल सकी।

Web Title: madhya pradesh election: bjp lost polls in ujjain due to karni sena and brahmin protest

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