Madhya Pradesh: MP के 19वें मुख्यमंत्री बने डॉ मोहन यादव, देवड़ा, शुक्ल ने डिप्टी CM की ली शपथ , भीड़ में घिरे शिवराज, मामा-मामा के नारे
By आकाश सेन | Published: December 13, 2023 03:03 PM2023-12-13T15:03:03+5:302023-12-13T15:06:37+5:30
भोपाल: मध्यप्रदेश के नए सीएम डॉ मोहन यादव ने लाल परेड मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पद और गोपनियता की शपथ ली। वे MP के 19वें मुख्यमंत्री हैं। समारोह सिर्फ 10 मिनट का रहा। जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल ने डिप्टी CM के रूप में शपथ ग्रहण की। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सभी को शपथ दिलाई।
भोपाल: एमपी के नव निर्वाचित सीएम डॉ मोहन यादव का शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित किया गया। जहां मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने एमपी के नए सीएम डॉ मोहन यादव, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई।
समारोह में तीन मंच बने, एक पर साधु-संत बैठे
शपथ ग्रहण समारोह में तीन मंच बनाए गए। मुख्य मंच के बीचों बीच तीन कुर्सियां रखी गई थीं। बीच वाली कुर्सी पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल बैठे। उनके दाईं ओर PM मोदी और बाईं तरफ मुख्यमंत्री मोहन यादव बैठे। मोहन यादव PM की कुर्सी के दाईं तरफ खड़े थे तो मोदी ने हाथ पकड़कर उनसे बैठने को कहा।
तीन मंचों में बाईं तरफ के मंच पर करीब एक दर्जन साधु-संत बैठे थे। दाईं तरफ के मंच पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बैठे थे। इन्हीं कुर्सियों पर नरेंद्र सिंह तोमर, शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल और राकेश सिंह भी बैठे थे। सांसद से विधायक बनीं रीति पाठक आमजन के बीच बैठी थीं।
CM डॉ मोहन यादव ने कहा
शपथ लेने से पहले मोहन यादव ने कहा, 'सभी को साथ लेकर चलूंगा और सुशासन सुनिश्चित करूंगा।'
पूर्व सीएम शिवराज बोलेे
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि नए मुख्यमंत्री राज्य में समृद्धि, विकास और जन कल्याण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। मित्रो, अब विदा । जस की तस धर दीनी चदरिया...। चुनाव परिणाम के बाद और नए सीएम फेस को लेकर चल रही अटकलों के बाद शिवराज ने X अकाउंट पर लिखा था, 'राम-राम।'
पूर्व शिवराज के 'जस की तस धर दीनी चदरिया' का अर्थ
यह कबीर दास जी का दोहा है। वे कहते हैं, 'दास कबीर जतन करि ओढ़ी, ज्यों कीं त्यों धर दीनी चदरिया ।' यानी बनाने वाले ने बड़े जतन और बड़े होश से इस शरीर को बनाया है। इसलिए इसको तुम जितना जाग कर जीयोगे, उतने ही बारीक और सूक्ष्म जीवन का अनुभव कर पाओगे। जितना सूक्ष्म अनुभव करोगे, उतना ही ज्यादा जागोगे।