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Madhya Pradesh crisis: 22 बागी विधायकों ने कहा- दिग्विजय सिंह सहित किसी कांग्रेस नेता से नहीं मिलना चाहते

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 18, 2020 20:53 IST

बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में ठहरे मध्य प्रदेश कांग्रेस के बागी विधायकों का कहना है कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से नहीं मिलना चाहते, जो उनसे मिलने के लगातार प्रयास कर रहे हैं। विधायकों से मिलने की कोशिश में आज सुबह रिजॉर्ट के पास पहुंचे दिग्विजय सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया था।

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ठळक मुद्देमध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे सिंह ने प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर उन्हें विधायकों से ना मिलने देने का आरोप लगाया।केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा पर विधायकों से मिलने के उनके प्रयासों में बाधा डालने का आरोप भी लगाया है।

बेंगलुरु/भोपालः बेंगलुरु में ठहरे मध्य प्रदेशकांग्रेस के 22 भागी विधायकों ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 'किसी भी कांग्रेसी नेता/सदस्य को उनसे मिलने की अनुमति न दी जाए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उनके जीवन और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।'

बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में ठहरे मध्य प्रदेश कांग्रेस के बागी विधायकों का कहना है कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से नहीं मिलना चाहते, जो उनसे मिलने के लगातार प्रयास कर रहे हैं। विधायकों से मिलने की कोशिश में आज सुबह रिजॉर्ट के पास पहुंचे दिग्विजय सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालांकि थोड़े समय बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे सिंह ने प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर उन्हें विधायकों से ना मिलने देने का आरोप लगाया।

सिंह, कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डी. के. शिवकुमार के साथ विधायकों से मिलने के लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मुलाकात भी कर रहे हैं। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा पर विधायकों से मिलने के उनके प्रयासों में बाधा डालने का आरोप भी लगाया है। सुमावली से कांग्रेस के बागी विधायक अदल सिंह कसाना ने एक ‘वीडियो संदेश’ में कहा, ‘‘ हम यहां अपनी मर्जी से आए हैं। हमें कुछ लोगों से पता चला है कि मध्य प्रदेश से दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेता और विधायक हमसे मिलने यहां आए हैं। हम किसी से बात नहीं करना चाहते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पिछले एक साल में सबसे बात करने की बहुत कोशिश की, जब उन्होंने एक साल तक हमारी नहीं सुनी, तो अब वे एक दिन में हमारी क्या सुनेंगे? हम बस यह कहना चाहते हैं कि हम अपनी मर्जी से यहां आए हैं और अपनी मर्जी से ही वापस जाएंगे।’’ अन्य बागी विधायक अदल गोविंद सिंह राजपूत ने भी कहा कि वे अपनी मर्जी से आए हैं और किसी से मिलना नहीं चाहते। ‘वीडियो संदेश’ में उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पता चला है कि दिग्विजय सिंह कुछ मंत्रियों और नेताओं के साथ आए हैं।

बेवजह प्रवेश द्वार पर वे कह रहे हैं कि उन्हें हम से मिलना है। जबकि कोई विधायक उनसे मिलना नहीं चाहता। उन्हें यह सब नहीं करना चाहिए। सभी विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है।’’ ऐसा कहा जा रहा है कि 22 बागी विधायक अभी यहां शहर में हैं। वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह विधायकों से मिलना चाहते हैं, जो कि मध्य प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में ‘‘मतदाता’’ हैं और उनसे मुलाकात होने तक वह यहीं रहेंगे।

पुलिस आयुक्त के साथ बैठक से पहले उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे कोई शक नहीं है कि केन्द्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के दबाव के कारण उनसे (पुलिस आयुक्त) कोई मदद मिलेगी, वे विधायकों से मिलने नहीं देंगे क्योंकि अगर वे मुझसे मिलेंगे तो मेरे साथ आ जाएंगे।’’ कुछ विधायकों के सिंह को संदेश (मैसेज) भेजने पर उनके यहां आने का दावा करते हुए शिवकुमार ने पूछा, ‘‘ पुलिस हमें क्यों रोक रही है, उनके पास हमें रोकने का कोई अधिकार नहीं है, वह एक उम्मीदवार के अधिकार का हनन कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे उम्मीदवार (सिंह) उच्च अधिकारी (पुलिस आयुक्त) से अनुरोध करना चाहते हैं क्योंकि ये लोग (स्थानीय पुलिस) मुख्यमंत्री के इशारों पर काम कर रहे हैं, इसलिए वह उच्च अधिकारियों से अनुरोध कर रहे हैं। इसके बाद हम बाकी विकल्पों पर विचार करेंगे।’’

शिवकुमार ने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा ने सिंह के फोन का जवाब देने का शिष्टाचार भी नहीं दिखाया। उन्होंने कहा, ‘‘ (सिंह ने) उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध करने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके फोन का जवाब तक नहीं दिया। वरिष्ठ नेताओं के फोन का जवाब देने का शिष्टाचार तक नहीं दिखाया।’’ कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए उसके प्रतिष्ठित युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी और इसके बाद मध्य प्रदेश से पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। सिंधिया 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे। 

टॅग्स :मध्य प्रदेशकांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कर्नाटकदिग्विजय सिंह
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