Madhya Pradesh ki khabar: इंदौर में हालात खराब, मरने वाले की संख्या 26, कुल 235 मरीज
By मुकेश मिश्रा | Updated: April 10, 2020 15:42 IST2020-04-10T15:42:15+5:302020-04-10T15:42:15+5:30
मध्य प्रदेश के इंदौर में हालात खराब होते जा रहे है। अभी तक यहां पर 26 लोगों की मौत हो चुकी है। शहर में कुल पॉजिटिव केस 235 है। इंदौर में 25 मार्च से ही शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है।

डॉक्टर चौहान के कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें सबसे पहले सुयश हास्पिटल में भर्ती किया गया था। (file photo)
इंदौर: देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में इस महामारी की जद में आये तीन और मरीजों की मौत की शुक्रवार को आधिकारिक पुष्टि की गयी। इसके साथ ही, शहर में इस संक्रमण के बाद दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 26 पर पहुंच गयी है।
इंदौर में कोरोना से शुक्रवार को एक और डॉक्टर की मौत हो गई। गुरुवार को भी एक डॉक्टर की मौत हुई थी। दोनों डॉक्टर निजी प्रेक्टिस करते थे। ब्रह्मबाग कालोनी में रहने वाले डॉक्टर ओमप्रकाश चौहान पिछले काफी समय से अपने प्रायवेट क्लिनिक में क्षेत्र के रहवासियों का इलाज कर रहे थे।
डॉक्टर चौहान के कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें सबसे पहले सुयश हास्पिटल में भर्ती किया गया था। लगातार इलाज के बाद भी डॉक्टर के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था और उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती चली गई। डॉक्टर चौहान को बाद में अरविन्दो अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां पर आज उपचार के दौरान उनकी मौत गई।
शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती 52 वर्षीय पुरुष, 65 वर्षीय पुरुष और 70 वर्षीय पुरुष की पिछले दो दिन में मौत हुई। अधिकारी ने बताया कि प्रयोगशाला से आयी जांच रिपोर्ट में तीनों मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 17 दिन में शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के 235 मरीज मिले हैं। इनमें से 26 लोग इलाज के दौरान दम तोड़ चुके हैं। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि शहर में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर राष्ट्रीय स्तर से कहीं ज्यादा बनी हुई है। इंदौर में कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है।
जिला प्रशासन द्वारा शव यात्रा में मात्र पांच व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनीष सिंह ने शासकीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अंतर्गत जन सामान्य के स्वास्थ्य के हित एवं लोक शांति को बनाये रखने हेतु इंदौर जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
इंदौर शहर में वर्तमान में कोरोना के चलते सोशल डिस्टैंसिंग रखना अतिआवश्यक है तथा साथ ही साथ एक ही स्थान पर रहवासियों के स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु भीड़ न लगे इस हेतु धारा-144 द.प्र.सं. के तहत वर्तमान में कर्फ्यू प्रभावशील है। पूर्व के समय में यह देखने में आया है कि कुछ स्थलों पर कोरोना वायरस पाजिटिव केवल इसलिए पाये गये, क्योंकि वे किसी शवयात्रा या जनाजे में कर्फ्यू के प्रभावशील रहते हुये शामिल हुये थे एवं उसके कुछ दिनों में एैसे एक दो मोहल्लों में कोरोना पॉजिटिव पेशेन्ट पाये गये।
किसी भी व्यक्ति की मृत्यु अर्थात नैसार्गिक, किसी भी बीमारी से अस्पताल अथवा घर पर होने पर किसी भी शवयात्रा या जनाजे में अधिकतम पांच व्यक्ति शामिल हो सकेंगे। पांच से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर इस आदेश का उल्लंघन माना जायेगा। अस्पताल में किसी भी कोरोना पाजिटीव मरीज अथवा अन्य प्रकार की किसी भी बीमारी में मृत्यु होने पर पार्थिव देह अस्पतालों से सीधे श्मशान या कब्रस्तान या अंतिम संस्कार समस्त अन्य स्थलों पर सीधे भेजी जायेगी। किसी भी स्थिति में किसी भी पार्थिव देह को इंदौर जिले की सीमा से बाहर जाने की अनुमति नहीं रहेगी।