मध्य प्रदेशः पिपलानी थाने में महिला की पिटाई, आयोग ने मांगा जवाब
By शिवअनुराग पटैरया | Published: October 5, 2020 08:35 PM2020-10-05T20:35:17+5:302020-10-05T20:35:17+5:30
आयोग के अनुसार भोपाल शहर के पिपलानी टीआई चैनसिंह रधुवंशी ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने बीते गुरुवार की दोपहनर थाने पहुंची मुलताई निवासी रितु सोधिया ने पुलिस पर अभद्रता करने और सिपाहियों द्वारा धक्के देकर थाने से निकालने का आरोप लगाया है.
भोपालः राजधानी भोपाल के पिपलानी थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची महिला से पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने पर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने डीआईजी भोपाल से जवाब मांगा है.
आयोग के अनुसार भोपाल शहर के पिपलानी टीआई चैनसिंह रधुवंशी ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने बीते गुरुवार की दोपहनर थाने पहुंची मुलताई निवासी रितु सोधिया ने पुलिस पर अभद्रता करने और सिपाहियों द्वारा धक्के देकर थाने से निकालने का आरोप लगाया है.
महिला के अनुसार जब महिला मोबाइल फोन से रिकार्डिंग करने लगी, तो टीआई की मौजूदगी में महिला सिपाहियों ने उसे पीट दिया. पीड़िता ने पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया पर डाल दिया और वरिष्ठ अधिकारियों से मदद मांगी है. वह पिपलानी थाना क्षेत्र में ससुराल पक्ष के घर जाकर वाहन, सोने चांदी के जेवर एवं जरूरी दस्तावेज लेना चाहती थी.
पीड़ित युवती का पति एवं सुसराल पक्ष के साथ दहेज प्रताड़ना का मामला कोर्ट में चल रहा है, ऐसे में उसने थाने पहुचकर जरूरी सामग्री का कब्जा दिलाने के लिए सुरक्षा मांगी थी. पीड़िता सुबह 10.30 बजे थाने पहुंची और दोपहर 2.30 बजे तक बैठी रही. इसके बाद उसे महिला आरक्षकों के साथ ससुराल पक्ष वाले घर भेजा गया, जहां वीडियो रिकार्डिंग करवाकर दस्तावेज दिलाये गए.
आयोग के अनुसार युवती का कहना है कि उसकी अलमारी का ताला टूटा है. उसके ध्यान दिलाने पर महिला पुलिसकर्मी ने कहा कि थाने में चोरी का मामला दर्ज करा देना. पीड़िता का आरोप है कि ससुराल पक्ष द्वारा अलमारी तोड़कर कीमती सामग्री निकालने की शिकार्य दर्ज कराने जब थाना प्रभारी के कमरे में पहुंंची, तो उन्होंने इंकार करते हुए बाहर निकलने को कहा.
पीड़िता ने जब अपना मोबाइल कैमरा चालू किया. तो टीआई ने कक्ष में महिला पुलिसकर्मियों को बुलवाकर उन्हें धक्के देकर बाहर निकाल दिया. आरोप है कि मोबाइल कैमरा बंद होने पर महिला पुलिसकर्मी मोबाइल छीनने लगी और पीड़िता का पीटा भी गया. इस मामले में आयोग ने उस पुलिस महानिरीक्षक, भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.