Madhya Pradesh Assembly Election 2018: पहली बार एक साथ पांच किन्नर मैदान में, संभालेंगे शबनम मौसी की विरासत
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 13, 2018 08:05 IST2018-11-13T07:59:32+5:302018-11-13T08:05:18+5:30
Madhya Pradesh Assembly Polls 2018: मध्य प्रदेश वो प्रदेश है, जहां से देश की पहली किन्नर शबनम मौसी ने चुनाव में ताल ठोकी थी और जीतकर विधानसभा भी पहुंची थीं. वो सोहागपुर से विधायक चुनी गई थीं

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018
भोपाल, 13 नवंबर: मध्य प्रदेश में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों का खेल किन्नर बिगाड़ सकते हैं. पहली बार विधानसभा चुनाव में एक-दो नहीं बल्कि पांच किन्नर चुनौती दे रहे हैं.
इंदौर-2 से बाला वेश्वर दमोह-रेहाना, होशंगाबाद-पांची देशमुख, कटनी की बड़वारा - दुर्गा मौसी और अंबाह से नेहा चुनाव मैदान में हैं.
मध्य प्रदेश वो प्रदेश है, जहां से देश की पहली किन्नर शबनम मौसी ने चुनाव में ताल ठोकी थी और जीतकर विधानसभा भी पहुंची थीं.
वो सोहागपुर से विधायक चुनी गई थीं. उसके बाद सागर में लोगों ने एक किन्नर पर भरोसा कर महापौर चुना.
उल्लेखनीय है साल 2013 के चुनाव में भी एक किन्नर ने नामांकन भरा था। लेकिन उनके आवेदन पत्र में कुछ गड़बड़ी मिलने के बाद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया था।
ऐसे में साल 2013 के चुनाव में इस समुदाय की ओर से कोई चुनाव में नहीं उतर पाया था। लेकिन इस बार देश में इस समुदाय को लेकर कानून आ जाने और नैतिक अधिकारों को लेकर देश में सकारात्मक माहौल को देखते हुए इस बार के चुनाव में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में किन्नर कम्यूनिटी के लोगों के काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में अगर वे किसी खास पार्टी को सपोर्ट करें या खुद मैदान में उतरे तो कुछ सीटों के समीकरण बदल सकते हैं।
मध्य प्रदेश में किन्नर कम्यूनिटी अब काफी जागरुक हो गई है। वे लोगों से पैसे लेकर जीवन व्यतीत करने के बजाए तमाम दफ्तरों में काम करने व कई और काम कर के मेहनत से पैसे कमाने शुरू कर चुके हैं।