मध्य प्रदेश: 34 साल बाद वोट के जरिए चुने जाएंगे छात्र नेता

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: August 29, 2019 20:54 IST2019-08-29T20:54:30+5:302019-08-29T20:54:30+5:30

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने भरोसा दिलाया है कि कांग्रेस अपने वादे के मुताबिक फिर से मतदान के जरिए राज्य में छात्र संघ चुनाव शुरू कराएगी।

Madhya Pradesh: After 34 years, student leaders will be elected through votes | मध्य प्रदेश: 34 साल बाद वोट के जरिए चुने जाएंगे छात्र नेता

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव का रास्ता खुला गया है. मध्यप्रदेश में 34 साल बाद कालेजों में वोट के जरिए छात्र नेता चुने जाएंगे. छात्र संघ चुनाव के लिए कालेजों में चुनाव की तारीखों की घोषणा भी जल्द की जाएगा.

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने स्वयं इस बात के संकेत दिए हैं. मंत्री का कहना है कि प्रदेश के प्राइवेट और सरकारी कालेजों में इस साल प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव कराए जाएंगे. पटवारी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में घोषणा कि थी कि वो सरकार में आने पर प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव आयोजित कराएगी. चुनाव उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी अकादमिक कैलेंडर के अनुसार ही आयोजित कराए जाएंगे. इस हिसाब से चुनाव सितंबर या अक्तूबर में कराए जा सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि कालेजों में छात्र-छात्राएं अपना नेता खुद चुनें, सरकार यही चाहती है. 34 साल बाद यह पहला मौका होगा जब कालेजों में वोट के जरिए छात्र नेता चुने जाएंगे. प्रदेश विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में मतदान के जरिए छात्र संघ 34 साल से नहीं हुए हैं.

राजधानी भोपाल में 1984- 85 में अधिकतर कालेजों में आखिरी बार मतदान से छात्र नेता चुने गए थे. छात्र संगठन लंबे समय से प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की मांग को लेकर सैकड़ों आंदोलन कर चुके हैं. छात्र संगठनों ने हड़लात की, प्रदेश बंद किया और विधानसभा का घेराव किया, लेकिन उनको आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. हालांकि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने छात्रों से चुनाव कराने का वादा किया था जिसे अब वह पूरा करने जा रही है.

2003 से बंद है प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव

प्रदेश में 2003 से भाजपा सरकार के आने के बाद से ही प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव कराना बंद कर दिया गया था. साल 2006 में उज्जैन प्रोफेसर सभरवाल की छात्र संघ चुनाव में हुई मौत के बाद अप्रत्यक्ष प्रणाली से भी चुनाव कराना बंद कर दिया गया था. इसके बाद साल 2011 और 2017 में अप्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव कराए गए थे.

Web Title: Madhya Pradesh: After 34 years, student leaders will be elected through votes

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