मध्य प्रदेशः तीन वर्षीय बीमार बेटी के पिता से मुख्यमंत्री सहायता कोष के नाम पर 5 लाख की ठगी!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 25, 2019 03:37 AM2019-11-25T03:37:00+5:302019-11-25T03:37:00+5:30

चिमनगंज थाने में कथित सांसद,कथित पुलिसकर्मी सहित तीन आरोपियों पर धारा 420 का मुकदमा दर्ज

Madhya Pradesh: A fraud of 5 lakhs in the name of Chief Minister's Assistance Fund from the father of a three-year-old sick daughter! | मध्य प्रदेशः तीन वर्षीय बीमार बेटी के पिता से मुख्यमंत्री सहायता कोष के नाम पर 5 लाख की ठगी!

मध्य प्रदेशः तीन वर्षीय बीमार बेटी के पिता से मुख्यमंत्री सहायता कोष के नाम पर 5 लाख की ठगी!

Highlightsमछली कारोबारी फरियादी भागीरथ बाथम के अनुसार उसकी तीन वर्षीय पुत्री है। रोहित ने 15 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष से दिलवाए जाने का भरोसा देकर झांसे में लिया।

दुर्लभ बीमारी से ग्रसित 3 वर्षीय बेटी के ईलाज के खर्च की राशि से परेशान पिता भागीरथ पिता मोहनलाल बाथम (42) के साथ मुख्यमंत्री सहायता कोष से 15 लाख रुपए राहत राशि दिलवाने के नाम पर 5 लाख की ठगी की गई है।चिमनगंज थाना पुलिस ने कथित सांसद सुधीर गुप्ता, कथित पुलिस कर्मी भूपेन्द्र एवं रोहित शर्मा नामक युवक के खिलाफ भादवि की धारा 420 में प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।

थानाक्षेत्र के तिरुपति गोल्ड निवासी मछली कारोबारी भागीरथ पिता मोहनलाल बाथम (42) की रिपोर्ट पर आरोपी रोहित शर्मा, कथित सांसद सुधीर गुप्ता व कथित पुलिसकर्मी भूपेंद्र के खिलाफ शनिवार रात मुकदमा दर्ज किया। तीनों आरोपियों पर आरोप है कि इन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष से 15 लाख बीमारी सहायता राशि दिलवाने के नाम पर फरियादी भागीरथ बाथम से 5 लाख रुपए की धोखाधड़ी की।

भागीरथ की जुबानी 5 लाख ठगी की कहानी

मछली कारोबारी फरियादी भागीरथ बाथम के अनुसार उसकी तीन वर्षीय पुत्री है। जिसके सिर में पानी भरा होने पर उसका माथा बड़ा है। इलाज का खर्च डॉक्टरों ने 15 से 20 लाख बताया है। पिंगलेश्वर निवासी रोहित शर्मा उसका पुराना परिचित है। उसने अपनी आर्थिक पीड़ा उसे बताई थी। रोहित ने उसे 15 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष से दिलवाए जाने का भरोसा देकर झांसे में लिया। राशि दिलवाने के नाम पर वह 1 जून 2018 से अब तक 5 लाख रुपए नगदी ले जा चुका है। 

15 लाख रुपए की राहत राशि मिलने से पहले मुझसे ली गई 5 लाख की राशि उसने अधिकारियों को पैसे खिलवाने और बीमारी की फाइल आगे बढ़वाने के नाम पर ली। एक बार उसने फ्रीगंज के लक्ष्मीविलास रेस्टोरेंट के बाहर, एक बार तरणताल के पास व एक बार कोठी के पास रुपए दिए व दो बार घर से पत्नी से रुपये ले गया। इन रुपयों को लेने से पहले उसने कई मर्तबा सांसद बताकर सुधीर गुप्ता व पुलिसकर्मी भूपेंद्र से भी बात करवाई। सामने वाले ने भी खुद को सांसद व इंदौर तिलकनगर का पुलिसकर्मी बताया। 

इसी कारण वह उसके बहकावे में आ गया और करीब 5 लाख रुपए नकदी दे बैठा। फरियादी के अनुसार आरोपियों ने उसे 7 लाख रुपए की फर्जी रसीद भी दी गई और भरोसा दिलाया कि जल्द ही ये रुपये उसके खाते में आ जाएंगे और शेष बाद में आ जाएंगे। कई दिन निकलने पर भी रूपए नहीं मिले तो तकादा किया गया जिस पर आरोपी रोहित शर्मा ने 5 लाख रुपए का चेक देकर कहा कि ये लो तुम्हारे रुपए अब मुख्यमंत्री सहायता कोष से उसे 15 लाख रुपये नहीं मिल सकेंगे। 

इसके बाद दिया गया चेक बैंक में लगाने पर  बाउंस हो गया। इस पर चिमनगंज थाने में मय सबूत के आरोपियों के खिलाफ लिखित शिकायत की थी। जांच के उपरांत पुलिस ने लिखित शिकायत के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया।  

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