मध्य प्रदेश: 7वें वेतनमान की तीसरी किस्त देने से सरकार ने हाथ खींचे, 4.5 लाख कर्मचारी परेशान
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 9, 2020 07:01 AM2020-05-09T07:01:39+5:302020-05-09T09:17:23+5:30
राज्य के साढ़े चार लाख कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तीसरी किस्त देने से सरकार ने हाथ खींच लिए है. कर्मचारियों को एरियर की तीसरी किस्त के रूप में 15 सौ करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था.
राज्य के साढ़े चार लाख कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तीसरी किस्त देने से सरकार ने हाथ खींच लिए है. कर्मचारियों को एरियर की तीसरी किस्त के रूप में 15 सौ करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था. कर्मचारी जब कोषालय के पोर्टल पर बिल लगाने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्हें यह संदेश मिल रहा है कि यह सेवा उपलब्ध नहीं है. मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जल्द भुगतान कराने की मांग की है.
राज्य सरकार के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान के अंतर्गत पुनरीक्षित बड़े हुए वेतन का लाभ एक जनवरी 2016 से दिया गया है और इसका नगद भुगतान एक जुलाई 2017 से किया गया. जनवरी 2016 से जून 2017 तक कुल 18 माह का एरियर कर्मचारियों को तीन समान वार्षिक किश्तों में जो मई 2018, मई 2019 एवं मई 2020 में देने का निर्णय लिया गया. प्रदेश के कर्मचारियों को मई 2018 की प्रथम किस्त एवं मई 2019 की दूसरी किस्त प्राप्त हो चुकी है. मई 2020 में एरियर की तीसरी किस्त मिलनी है.
राज्य शासन ने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ऐरियर का 50 प्रतिशत नकद एवं 50 प्रतिशत सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा करने एवं प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों का 100 प्रतिशत एरियर की राशि सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा करने का निर्णय लिया था.
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर मांग की है कि प्रदेश के 4.50 लाख कर्मचारियों को सातवें वेतन निर्धारण के उपरांत बढ़े हुए वेतन के एरियर की तीसरी किस्त का भुगतान शीघ्र किया जाएं. प्रदेश के कर्मचारी महंगाई भत्ता के स्थिगित होने से पहले ही मंहगाई की मार झेल रहे है.
गौरतलब है कि 4.50 लाख शासकीय कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के निर्धारण के फलस्वरूप 18 माह के बड़े हुए वेतन के एरियर की तीसरी किस्त मई 2020 में मिलनी है. शासकीय कार्यालयों में आहरण एवं संवितरण अधिकारियों ने कोषालय के एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के आईएफएमएस पोर्टल पर ऐरियर्सस की तीसरी किस्त के बिल लगाने का प्रयास किया तो पोर्टल पर बिल जनरेट पहीं हुए, बल्कि सुविधा उपलब्ध नहीं है का संदेश आने लगा, जिससे प्रदेश के 4.50 लाख कर्मचारियों के एरियर की राशि अटक गई है और सरकार 1500 करोड़ के भुगतान से बचती नजर आ रही है. ऐरियर्स की किस्त न मिलने से कर्मचारियों को 15 हजार से 50 हजार रुपये तक का आर्थिक नुकसान होगा.