मध्यप्रदेश उपचुनाव: ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाने वाले दो मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, सीएम शिवराज ने किया स्वीकार
By स्वाति सिंह | Published: October 21, 2020 01:24 PM2020-10-21T13:24:20+5:302020-10-21T13:54:33+5:30
संवैधानिक प्रावधान है कि कोई भी मंत्री सदन का सदस्य बने बिना 6 महीने से ज्यादा समय तक मंत्रीपद पर बने नहीं रह सकता है। ऐसे में इसी प्रक्रिया के चलते दोनों नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा।
भोपाल: मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार के दो मंत्रियों तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने दोनों नेताओं के इस्तीफे स्वीकारते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे हैं। बता दें कि दोनों ही नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुये थे। साथ ही इस बार के उपचुनाव भी लड़ रहे हैं।
दरअसल, संवैधानिक प्रावधान है कि कोई भी मंत्री सदन का सदस्य बने बिना 6 महीने से ज्यादा समय तक मंत्रीपद पर बने नहीं रह सकता है। ऐसे में इसी प्रक्रिया के चलते दोनों नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा। वे छह माह पहले शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल हुए थे। सिलावट वर्तमान में इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू से है। राज्य में सभी 28 सीटों के साथ सांवेर में भी मतदान तीन नवंबर को होगा और नतीजे 10 नवंबर को सामने आएंगे।
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सांवेर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके बाद वे तत्कालीन कमलनाथ सरकार में मंत्री बने थे। राज्य में इस वर्ष के राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते सिलावट ने मार्च माह में विधायक पद से त्यागपत्र देकर श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कदम पर चलते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था। मार्च माह में ही राज्य में सत्ता बदली और भाजपा सरकार के गठन के साथ ही शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने। इसके बाद अप्रैल माह में श्री चौहान ने सिलावट को मंत्री बनाया था।