मायावती की चेतावनी के बाद सकते में कमलनाथ सरकार, कहा- वापस होंगे मुकदमें
By राजेंद्र पाराशर | Published: January 2, 2019 01:24 AM2019-01-02T01:24:11+5:302019-01-02T01:24:11+5:30
माना जा रहा है कि मायावती की इसी चेतावनी के बाद आज सरकार की तरफ से विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने अप्रैल 2018 में हुए दलित आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने की घोषणा की.
मध्यप्रदेश में बीते साल दलित आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे सरकार वापस करेगी. प्रदेश के विधि विधायकी मंत्री पीसी शर्मा ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि इस बारे में शीघ्र ही प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी.
बसपा प्रमुख मायावती ने कल ही चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बीते साल अप्रैल में दलित आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकारों ने वापस नहीं लिया तो बसपा प्रदेश सरकारों से समर्थन वापस ले लेगी.
गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस को बहुमत न मिलने की स्थिति में बसपा ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को अपने विधायकों समर्थन दिया था. इसी तरह बसपा ने राजस्थान में भी कांग्रेस को समर्थन दिया है. प्रदेश में बसपा के दो विधायकों के साथ-साथ सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन कांग्रेस को प्राप्त है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कुल 114 विधायक चुनाव जीत कर आए हैं जबकि सदन की कुल संख्या 230 के संदर्भ में सरकार बनाने के लिए न्यूनतम 116 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है. ऐसे में कांगे्रस को अपनी सरकार की स्थिरता बनाए रखने के लिए बसपा का समर्थन काफी महत्वपूर्ण है.
माना जा रहा है कि मायावती की इसी चेतावनी के बाद आज सरकार की तरफ से विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने अप्रैल 2018 में हुए दलित आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने की घोषणा की. उल्लेखनीय है कि प्रदेश के विधि और विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने सोशल मीडिया पर भी कहा कि 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के बाद कई लोगों पर मामले दर्ज किए गए थे, सरकार इन्हें वापस लेगी. इसके अलावा पिछले 15 सालों में भाजपा सरकार ने राजनीति से प्रेरित होकर कई लोगों पर मुकदमे दर्ज कराए थे, सरकार उन्हें भी वापस लेगी.