अगरतला, 4 जुलाई: इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) और उसकी गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी अगले वर्ष होने वाला लोकसभा चुनाव अलग - अलग लड़ेगी।
आईपीएफटी ने कहा कि भाजपा के दो त्रिपुरा लोकसभा सीटों के लिए नेताओं के एकतरफा नाम तय करने के बाद उसे ‘‘मजबूरन ’’ यह फैसला लेना पड़ा।
वहीं दूसरी ओर भाजपा ने दावा किया कि इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में आईपीएफटी के साथ उसका गठबंधन एक बार के लिए था।
आईपीएफटी और भाजपा ने इस वर्ष जनवरी में पहली बार एक साथ मिलकर चुनाव पूर्व गठबंधन किया था और 25 साल के वाममोर्चा शासन को उखाड़ फेंका था।
उल्लेखनीय है कि इस पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए बीजेपी को बहुत पापड़ बेलने पड़े थे। क्योंकि इस पार्टी ने जिन 9 सीटों पर चुनाव लड़ा सभी पर इसे जीत हासिल हुई थी। इस पार्टी की त्रिपुरा के आदिवासी व सीमावर्ती इलाकों में गहरी पकड़ है।
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हालांकि आईपीएफटी से गठबंधन करने को लेकर बीजेपी की जमकर आलोचना भी हुई थी। क्योंकि कथित तौर इस पार्टी का आधार ऐसी पार्टियों के सम्मेलन से बना है जिनपर भी कई तरह की देश विरोधी क्रियाकलापों के आरोप थे।