त्रिपुरा: महाभारत में इंटरनेट और डायना हेडेन के बाद सीएम बिप्लब देब ने रवींद्रनाथ टैगोर पर दिया विवादित बयान
By भारती द्विवेदी | Published: May 11, 2018 12:26 PM2018-05-11T12:26:08+5:302018-05-11T12:26:08+5:30
लगातार विवादित बयान देने के चलते सोशल मीडिया पर 'Say it like Biplab' ट्रेंड चल गया था। लोग इस हैशटैग का इस्तेमाल कर त्रिपुरा के सीएम को ट्रोल कर रहे थे।
नई दिल्ली, 11 मई: बिप्लब कुमार देब। हाल ही में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बने हैं। जबसे सीएम की कुर्सी संभाली है, तबसे काम को लेकर नहीं लगातार विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। इस बार उन्होंने कहा है कि रवींद्रनाथ टैगोर ने अंग्रेजों के विरोध में अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था। लेकिन सीएम बिप्लब देब यहां फैक्ट में चूक गए हैं।
रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियावालां बाग हत्याकांड के बाद अपनी ब्रिटिश द्वारा दिए गया 'नाइटहुड' का खिताब लौटाया था।बिप्लब देब ने ये बात उदयपुर में रवींद्रनाथ टैगौर की जयंती पर कही है। रवींद्रनाथ ने नाइटहुड की उपाधि साल 1919 में लौटाया था और उन्हें नोबेल प्राइज से 1913 में सम्मानित किया गया था। इससे पहले लगातार वो अपने अजीबोगरीब बयान को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए हैं।
महाभारत काल में इंटरनेट और सैटेलाइट का किया दावा
सीएम बिप्लब कुमार देब ने अपना पहला विवादित 18 अप्रैल को अगरतला में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था।यहां पर सीएम बिप्लब ने ये कहा था कि महाभारत युग से तकनीकी सुविधाएं थी। जैसे कि इंटरनेट और सैटेलाइट। वरना महाभारत के दौरान संजय हस्तिनापुर से बैठकर धृतराष्ट्र को कैसे बताता कि लड़ाई के मैदान में क्या हो रहा है। जाहिर सी बात है कि उस समय तकनीक, इंटरनेट और सैटेलाइट था।
मिस यूनिवर्स डायना हेडेन की खूबसरती पर उठाया सवाल
27 अप्रैल को एक और कार्यक्रम में मिस यूनिवर्स को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा था कि हम महिलाओं को देवी लक्ष्मी और सरस्वती के रूप में देखते हैं। ऐश्वर्या रॉय भारतीय महिलाओं की प्रतिनिधि है। वो मिस वर्ल्ड बनीं और ये सही था। लेकिन मैं डायना हेडेन की सुंदरता को नहीं समझ पाता। हालांकि इस बयान के लिए हर तरफ से आलोचन झेलने के बाद उन्होंने अपने बयान पर खेद भी जताया था।
जब युवाओं को पान की दुकान और गाय पालने की नसीहत दी
डायना हेडेन की कंट्रोवर्सी अभी थमी भी नहीं थी कि 29 अप्रैल को बिप्लब देब एक बार फिर चर्चा में आ गए। इस बार उन्होंने बेरोजगार युवाओं को पान की दुकान खोलने और गाय पालने की सलाह दे डाली। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि कई साल तक राजनीतिक पार्टियों के पीछे घूमने से अच्छा है कि पान की दुकान खोल लें या गाय पाल लें। अगर ऐसा किया होता तो अब तक उनके खाते में 10 लाख रुपए होते।
सिविल सर्विसेज में में सिर्फ सिविल इंजीनियर्स ही जाएं
लगातार विवादित बयान देने वाले बिप्लब देब इतनी फजीहत के बाद भी ना रूकें। उन्होंने एक कार्यक्रम कहा कि सिविल सर्विसेज में मैकेनिकल बैकग्राउंड वाले लोगों को नहीं जाना चाहिए। सिर्फ सिविल इंजीनियर्स को ही जाना चाहिए। समाज का निर्माण करना है। ऐसे में सिविल इंजीनियरों के पास यह ज्ञान है क्योंकि जो लोग प्रशासन में हैं उनको समाज का निर्माण करना है।
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