MP: लोकायुक्त उज्जैन के दूसरे डीएसपी पर सांठगांठ का आरोप, ऐसे ही मामले में हटाया गया था शैलेन्द्र ठाकुर को
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 22, 2020 06:10 AM2020-01-22T06:10:05+5:302020-01-22T06:10:05+5:30
लोकायुक्त संगठन उज्जैन ईकाई के दूसरे डीएसपी वेदांत शर्मा की कार्रवाई पर शंका जताते हुए फरियादी ने उन पर आरोप लगाए हैं। इससे पूर्व एक डीएसपी शैलेन्द्र ठाकुर को ऐसे ही मामले में आरोपी पक्ष से सांठगांठ के आरोप के चलते उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त की गई है।
लोकायुक्त संगठन उज्जैन ईकाई के दूसरे डीएसपी वेदांत शर्मा की कार्रवाई पर शंका जताते हुए फरियादी ने उन पर आरोप लगाए हैं। इससे पूर्व एक डीएसपी शैलेन्द्र ठाकुर को ऐसे ही मामले में आरोपी पक्ष से सांठगांठ के आरोप के चलते उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त की गई है।
लोकायुक्त संगठन उज्जैन ईकाई के डीएसपी वेदांत शर्मा पर आगर मालवा के छावनी निवासी फरियादी रितेश खण्डेलवाल पिता महेश खण्डेलवाल ने गंभीर आरोप लगाए हैं। फरियादी ने मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि वह आगर नगर पालिका परिषद में ठेकेदारी का कार्य करता है। इसके तहत उसने गवली पूरा क्षेत्र में सी.सी. रोड का करीब 14 लाख रुपये का टेंडर लेकर निर्माण कार्य कराया। नगर पालिका परिषद आगर ने उसे करीब 8 लाख रुपये का भुगतान किया है। शेष राशि के भुगतान के लिए प्रकरण लंबित है। इस भुगतान के लिए उससे सीएमओ छिद्रासिंह जाट ने रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत 14 अगस्त 2019 को लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में की गई थी।
शिकायत के बाद लोकायुक्त में पदस्थ टीआई हितेश पाटील ने आरक्षक हितेश लालावत के साथ फरियादी को आगर भेजा। जहां उसकी बात सीएमओं से हुई इसमें 5 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई और 2 हजार रुपये तुरंत ले लिए गए।
यह सब लोकायुक्त द्वारा दिए गए रिर्काडर में टेप भी हो गया। रिश्वत के बचे हुए 3 हजार रुपये लेकर फरियादी लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन पहुंचा जहां डीएसपी वेदांत शर्मा व टीआई हितेश पाटील मिले उनके साथ पंच भी थे जिन्होने 3 तीन हजार रुपये के नोटों पर कलर लगाकर मुझे वापस कर दिए।
फरियादी डीएसपी शर्मा की टीम के साथ आगर के लिए रवाना हो गया। वहां पहुचने पर पता चला की सीएमओ जाट कलेक्ट्रेट में मीटिंग के लिए गए हुए हैं। बहुत देर बाद पता चला कि सीएमओ मीटिंग से सीधे देवास चले गए और उनका मोबाइल भी बंद आ रहा था। उसी दिन से सीएमओ फरियादी को लगातार परेशान कर रहे हैं। भुगतान भी लंबित है।
रितेश के अनुसार अपने स्तर पर पूछताछ करने पर पता चला कि सीएमओ जाट ने भारी भरकम धन राशी का भुगतान डीएसपी एवं उनकी टीम को किया है।
यह बात इससे भी साबित होती है कि आने से पूर्व ही उन्हें सीएमओ के खिलाफ धारा 7 में एफआईआर दर्ज कराना थी जो नहीं कराई गई वहीं आने से पूर्व ही सीएमओ जाट को छापेमारी की सूचना दे दी गई थी। फरियादी के अनुसार वह मानसिक रूप से लगातार परेशान है और सीएमओ जाट सहित डीएसपी शर्मा के खिलाफ जांच चाहता है।
एक डीएसपी को हटाया
इसी माह की शुरुआत में लोकायुक्त संगठन उज्जैन ईकाई के एक अन्य डीएसपी शैलेन्द्र ठाकुर को ऐसे ही एक मामले में आरोपी पक्ष से सांठगांठ करने के मामले के खुल जाने के बाद हटा दिया गया था। महानिदेशक अनिल कुमार ने एक आदेश जारी कर उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी थी।
शिकायतकर्ता ने आजतक हमें इस मामले में कोई शिकायत नहीं की। वे प्रेस वार्ता में भी सबूत नहीं दे पाए। लोकायुक्त कार्रवाई में शिकायतों की पुष्टि की जाना आवश्यक होता है। वे आएं शिकायत करें हम जांच करवाएंगे। सही और मिथ्या पाए जाने पर नियमानुसार दोषी पक्ष पर कार्रवाई करेंगे। एक मामले के होने पर उनके द्वारा बाहर मोर्चा खोलकर लाभ लेने का मामला जान पड़ रहा है। अन्यथा वे अब तक मुझे शिकायत कर चुके होते। -राजेश मिश्रा, एसपी, लोकायुक्त संगठन, इकाई उज्जैन