लोकसभा चुनावः तीसरे चरण से पहले कांग्रेस ने बदली चुनावी रणनीति, अब मोदी पर करेगी सीधा हमला
By शीलेष शर्मा | Updated: April 21, 2019 11:29 IST2019-04-21T09:09:26+5:302019-04-21T11:29:49+5:30
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के पूर्व कांगे्रस ने अपनी रणनीति में व्यापक फेरबदल किया है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अब कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी पर तथ्यों के आधार पर सीधा हमला बोलेगी.

लोकसभा चुनावः तीसरे चरण से पहले कांग्रेस ने बदली चुनावी रणनीति, अब मोदी पर करेगी सीधा हमला
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के पूर्व कांगे्रस ने अपनी रणनीति में व्यापक फेरबदल किया है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अब कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी पर तथ्यों के आधार पर सीधा हमला बोलेगी. उसका इरादा उस मोदी मिथ को तोड़ना है जो भाजपा और स्वयं प्रधानमंत्री मोदी मतदाताओं के बीच पैदा करने में जुटे है. 2019 के चुनाव में भाजपा यह प्रचारित करने में जुटी है कि प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में जो भी मतदाता भाजपा के पक्ष में वोट देगा वह सीधा मोदी को जाएगा.
प्रधानमंत्री स्वयं चुनावी सभाओं में यह नारा लगा रहे है नतीजा कांग्रेस ने अब सीधे मोदी को ही निशाने पर लिया है. सिद्धू ने पीएम पर बोला हमला इसकी शुरुआत आज कांग्रेस के धुंआधार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू ने की. उन्होंने मोदी को निशाना साधते हुए उनकी नीयत, निष्ठा और देशभक्ति पर सीधे सवाल उठाए. सिद्धू ने आरोप लगाया कि मोदी पूंजीपतियों के साथ मिलकर उन्हें लाभ पहुंचा रहे है और इस लाभ के लिए वे सरकारी कंपनियों को बंदी की कगार पर धकेलने में जुटे है.
मोदी के न खाऊगां न खाने दूंगा को मुखौटा बताते हुए सिद्धू ने 2015 की मोदी की रुस यात्रा का उदाहरण दिया और बताया कि किस तरह रुस की यात्रा के दौरान अंबानी ने एक मरी हुई कंपनी को खरीदा और उसे 23 दिसंबर 2015 को रुस में अलमेज एन्टे (जो एयर डिफेंस सिस्टम तैयार करती है) की छह बिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली डील मिल गई. सिद्धू ने ऐसे तमाम आंकड़े दिए और यह साबित किया कि मोदी ने अब तक जितनी भी विदेश यात्राएं की हर यात्रा में उन्होंने अंबानी, अडानी जैसे औद्योगिक घरानों को सीधा लाभ पहुंचाया. चाहे वह स्वीडन की यात्रा हो, या फ्रांस की, या ईरान की, ओमान, म्यांमार, चीन, ऐसी तमाम देश उन्होंने गिनाए जहां हर एक यात्रा में कभी अंबानी तो कभी अडानी को सौदे मिलते रहे.
सिद्धू का यह भी आरोप था कि बीएसएनएल, ओएनजीसी, जैसे कंपनियों को मोदी ने डुबाने का काम किया ताकि निजी क्षेत्र की कंपनियों का लाभ मिल सके. एचएएल पर चोट की रिलायंस के लिए, बीएसएनएल पर चोट की जिओ के लिए, एयरइंडिया पर चोट की निजी क्षेत्र की विमानन कंपनियों के लिए. मनमोहन ने गिनाई न्याय योजना की खूबियां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के मतदाताओं को राहुल की 'न्याय योजना' को समझाने का काम किया. उन्होंने कहा कि 1947 में 70 फीसदी भारतीय गरीबी रेखा के नीचे थे. लेकिन आज यह घटते-घटते बीस फीसदी पर आ ग़ई है. राहुल की 'न्याय योजना' इन बीस फीसदी लोगों को भी गरीबी रेखा से बाहर निकालने में कामयाब होगी.
उनका मानना था कि 'न्याय ' देश की आर्थिक इंजन को फिर से शुरु करने में मदद करेगा लोगों के हाथ में पैसा पहुंचेगा, नौकरियों का निर्माण होगा, उन्होंने उन लोगों को भी जवाब दिया जो पूछे रहे है कि इस खर्च की भरपाई कहां से होगी. मनमोहन सिंह ने कहा कि देश की जीडीपी का 1.2 फीसदी से 1.5 फीसदी का ही खर्च इस पर आएगा और इसके लिए हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह समर्थ है.
उन्होंने उदाहरण दिया कि 1991 में डिलाइसेंसिंग नियम लाया गया मनरेगा में काम का अधिकार दिया और अब यह न्याय देश को गरीबी मुक्त देशों की सूची में शामिल करने में कामयाब होगा. कांग्रेस की रणनीति एक तरफ मोदी पर सीधा हमला करने की है तो दूसरी तरफ लोगों को यह समझाने की है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो वायदे किए गए है जिनमें 'न्याय' सबसे प्रमुख है का सीधा लाभ उन्हें कैसे मिलेगा.