लोकसभा चुनाव 2024ः क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के साथ मंच शेयर करेंगे सीएम नीतीश, 3 अप्रैल को चेन्नई में विपक्षी दल करेंगे रैली, राजद हो रहा शामिल!
By एस पी सिन्हा | Published: March 31, 2023 05:06 PM2023-03-31T17:06:28+5:302023-03-31T17:11:14+5:30
Lok Sabha Elections 2024: ‘ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस’ के बैनर तले चेन्नई में 3 अप्रैल को सामाजिक न्याय सम्मेलन होगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इसमें मुख्य वक्ता होंगे।
पटनाः राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता की बात करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ मंच शेयर करने जायेंगे? यह सवाल इसलिए उठने लगा है क्योंकि नीतीश की पार्टी जदयू के शामिल होने को लेकर फ़िलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
जबकि महागठबंधन में शामिल राजद जरूर चेन्नई में विपक्षी एकता के मंच पर दिखेगा। 3 अप्रैल को तमिलनाडु के चेन्नई में एक मंच सजेगा, जहां देश भर के कई विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।दरअसल, केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजूटता की हो रही पहल के तहत तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके की ओर से विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद है।
इसके लिए ‘ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस’ के बैनर तले चेन्नई में 3 अप्रैल को सामाजिक न्याय सम्मेलन होगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इसमें मुख्य वक्ता होंगे। स्टालिन ने गैर भाजपा दलों को एक मंच पर आमंत्रित किया है।
सबसे बड़ी बात है कि इसमें बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) शामिल होंगे, जिन्होंने अब तक विपक्ष की बड़ी छतरी से बाहर रहना चुना था। इनके अलावा देश के कई अन्य राजनीतिक दल सामाजिक न्याय सम्मेलन में शामिल होंगे।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), समाजवादी पार्टी (सपा), वाईएसआरसीपी, बीजद के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), भारत राष्ट्र समिति (बीआरसी),भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), माकपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), आम आदमी पार्टी(आप), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल ), और मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) ने भी सम्मेलन में आने पर सहमति जताई है।
जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हेमशा ही विपक्षी एकता ही पहल की बात करते रहे हैं। ऐसे में अगर सामाजिक न्याय सम्मेलन के मंच पर जदयू से दूरी बनाई जाती है तो यह नीतीश कुमार के लिए झटका हो सकता है। पिछले साल भी नीतीश ने विपक्षी एकता की पहल के तहत कई विपक्षी नेताओं से दिल्ली जाकर मुलाकात की थी।
बाद में दर्जनों बार सार्वजनिक रूप से विपक्ष से अपील कर चुके हैं कि सबको एक साथ आकर भाजपा के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता को मजबूती देना चाहिए। लेकिन उनकी इस अपील के बाद अब चेन्नई में 3 अप्रैल को सजने वाले विपक्षी एकता के मंच सामाजिक न्याय सम्मेलन से जदयू का दूर रहना कई नए सियासी कयासबाजी को जन्म दे रहा है।