लोकसभा चुनाव 2024: यूपी में नीतीश के लिए तलाशी जा रही सीट, जेडीयू के नेताओं की मंशा नीतीश फूलपुर से चुनाव लड़ें

By राजेंद्र कुमार | Published: July 21, 2023 05:56 PM2023-07-21T17:56:40+5:302023-07-21T17:59:54+5:30

यूपी में जनता दल यूनाइटेड के संयोजक सत्येन्द्र कुमार का कहना है कि सूबे में नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने के लिए फूलपुर और अंबेडकर नगर के साथ कुछ सीटों का नाम सुझाया गया है।

Lok Sabha Elections 2024, Seat being searched for Nitish in UP JDU leaders want Nitish to contest from Phulpur | लोकसभा चुनाव 2024: यूपी में नीतीश के लिए तलाशी जा रही सीट, जेडीयू के नेताओं की मंशा नीतीश फूलपुर से चुनाव लड़ें

लोकसभा चुनाव 2024: यूपी में नीतीश के लिए तलाशी जा रही सीट, जेडीयू के नेताओं की मंशा नीतीश फूलपुर से चुनाव लड़ें

Highlightsपार्टी की यूपी ईकाई ने नीतीश कुमार को फूलपुर और अंबेडकर नगर के साथ कुछ सीटों का नाम सुझाया हैदेखना यह है कि नीतीश कुमार यूपी से चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी नेताओं के सुझाव पर क्या फैसला लेते हैंफिलहाल यूपी में उनके चुनाव लड़ने के लिए सीट की तलाश करीब करीब हो चुकी है

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव बेहद ही कलरफुल होगा। इसकी वजह है यूपी की 80 लोकसभा सीटें। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, दोनों ही यूपी इन 80 सीटों पर नजर जमाए हैं। यहीं वजह है कि एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूपी की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य तय किया है। तो दूसरी तरफ विपक्ष ने भी राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की घेराबंदी करने के साथ ही यूपी में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना को चुनौती देने ही ठान ली है। जिसके तहत अब बिहार के मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश की किसी सीट से चुनाव लड़वाने की योजना पर कार्य किया जाने लगा है। यूपी में नीतीश कुमार के लिए सीट तलाशी जाने लगी है। 

यूपी में जनता दल यूनाइटेड के संयोजक सत्येन्द्र कुमार का कहना है कि सूबे में नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने के लिए फूलपुर और अंबेडकर नगर के साथ कुछ सीटों का नाम सुझाया गया है। जल्दी ही पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ नीतीश कुमार से मिलकर उनसे यूपी में तलाशी गई किसी एक सीट पर चुनाव लड़ने का आग्रह करेंगे।  

सत्येन्द्र कुमार का कहना है कि नीतीश कुमार देश के बड़े नेता हैं। उनके उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने से यूपी में विपक्ष का माहौल । ठीक उसी तरह से जैसे कि वर्ष 2014 में भाजपा के पक्ष में माहौल बदला था। वर्ष 2014 के पहले यूपी में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं थी। वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में यूपी की 403 सीटों में से भाजपा को महज 47 सीटें जीत हासिल हुई थी। 

जिसके चलते वर्ष 2014 में भाजपा के रणनीतिकारों की घबराहट यह थी कि अगर यूपी का मिजाज नहीं बदला तो फिर मोदी को चेहरा बनाए जाने का भी कोई फायदा नहीं होगा। यूपी के लोगों का मिजाज बदलने की गर्ज से ही पार्टी ने तय किया था कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी गुजरात के साथ यूपी से भी चुनाव लड़े। उनके यूपी से चुनाव लड़ने का असर पूरे राज्य के माहौल पर पड़ेगा। हुआ भी वही। 

यूपी 80 सीटों में से 73 सीटें भाजपा ने जीत लीं. अब उसी तर्ज पर विपक्ष भी नीतीश कुमार को यूपी से चुनाव लड़ाना चाहता है। जिसके चलते ही जेडीयू की प्रदेश ईकाई अपने अध्यक्ष के लिए सूबे में चुनाव लड़ने के लिए सीट तलाशने में जुट गई है। इसके चलते ही फूलपुर, अंबेडकरनगर, फ़तेहपुर और मिर्जापुर में से कसी एक सीट से नीतीश कुमार को चुनाव लड़ने का सुझाव पार्टी के नेता पटना में जाकर देने की तैयारी कर रहे हैं।

कुर्मी वोटों पर विपक्ष की पकड़ होगी मजबूत 

फूलपुर सीट को पार्टी नेता नीतीश कुमार के लिए सबसे बेहतर बता रहे हैं। इस सीट की खासियत यह भी है कि यहां से दिग्गज नेता जब-तब किस्मत आजमाते रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू से लेकर कांशीराम और वीपी सिंह तक इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। 

जेडीयू के ननेताओं के अनुसार कुर्मी बहुल फूलपुर सीट से नीतीश कुमार का चुनाव लड़ना सत्ता पक्ष के लिए भारी पड़ेगा। लेकिन सवाल उठ सकता है कि नीतीश कुमार क्या नरेंद्र मोदी जैसा चमत्कारिक प्रदर्शन दिखाने की हैसियत रखते हैं, जिनके यूपी में आने भर से यूपी का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है? इसका जवाब यह है कि बेशक नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी नहीं माना जा सकता, लेकिन उन्हें यूपी में लाने की जो कोशिश है, उसके पीछे मंशा जातीय समीकरण को दुरुस्त करने की है। 

पिछड़ा वर्ग के दबदबे वाले राज्य में कुर्मी समाज का खासा राजनीतिक प्रभाव है। यही वजह है कि यूपी की सभी पार्टियां कुर्मी समाज को अपने पाले में लाने और उनके नेताओं को अगली कतार में जगह देती रही है। मुलायम सिंह यादव के वक्त सपा में बेनी प्रसाद वर्मा नंबर दो की हैसियत रखते थे। अखिलेश यादव के कार्यकाल में नरेश उत्तम पटेल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। 

कांशीराम ने भी यूपी में जंग बहादुर पटेल, सोने लाल पटेल, राम लखन वर्मा जैसे कुर्मी नेताओं के जरिए ही बहुजन समाज पार्टी को वहां तक ले जाने में कामयाबी पाई, जहां खड़ी होकर मायावती चार बार सीएम बनने में सफल हुईं। खुद बीजेपी भी ओमप्रकाश सिंह, विनय कटियार और स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कुर्मी कार्ड खेलती आई है। 

अब देखना यह है कि नीतीश कुमार यूपी से चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी नेताओं के सुझाव पर क्या फैसला लेते हैं। फिलहाल यूपी में उनके चुनाव लड़ने के लिए सीट की तलाश करीब करीब हो चुकी है। और नीतीश कुमार का यूपी में चुनाव पड़ने का फैसला करते ही सपा और कांग्रेस के नेता भी उसके पक्ष में प्रचार माहौल बनाने में जुट जाएंगे। विपक्षी नेताओं का मनाना है कि नीतीश के यूपी से चुनाव लड़ने पर कुर्मी समाज पर विपक्ष की पकड़ मजबूत होगी। 
 

 

 

Web Title: Lok Sabha Elections 2024, Seat being searched for Nitish in UP JDU leaders want Nitish to contest from Phulpur

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