Lok Sabha Elections 2024 Phulpur Constituency: उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लडकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहीं भूतपूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह तो नहीं बनना चाहते हैं? दोनों इसी संसदीय क्षेत्र सांसद हुआ करते थे और दोनों ही भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
हालांकि साल 2004 में चुनाव में फूलपुर से अतीक अहमद भी सांसद बने थे। दरअसल, यूपी से चुनाव लड़कर नीतीश कुमार राष्ट्रीय नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, क्योंकि अब तक उनपर बिहार का नेता होने का ठप्पा लगा हुआ है।
ऐसे में फूलपुर से वह राष्ट्रीय राजनीति के विमर्श में आ सकते हैं और नीतीश कुमार कई पूर्व प्रधानमंत्रियों के जुड़ाव वाली प्रयागराज की फूलपुर सीट से खुद को पीएम मेटेरियल के तौर पर प्रस्तुत कर लाइमलाइट में आना चाहेंगे। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के बाद अब प्रधानमंत्री पद की इच्छा पूरी करने को लेकर गंभीर हैं।
सूत्रों की मानें तो उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। इसकी चर्चा तब और तेज हो गई जब यह पता लगा कि जदयू ने सर्वे करवाया है कि यूपी के किस सीट से नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे तो राजनीतिक रूप से फायदेमंद रहेगा। दरसल, फूलपुर लोकसभा सीट का जातीय समीकरण भी नीतीश कुमार के अनुकूल माना जाता है।
यहां यादव, मुस्लिम, दलित सहित करीब 8 लाख मतदाता हैं। लेकिन, यहां सबसे अधिक कुर्मी वोटरों की संख्या तीन लाख के करीब है। हालांकि, ब्राह्मण राजपूत, वैश्य, बिंद, निषाद, कायस्थ, मौर्य और कुशवाहा के अतिरिक्त प्रजापति और विश्वकर्मा मतदाता भी लाखों की संख्या में हैं।
अगर अखिलेश यादव की सपा की शक्ति मिल जाती है तो नीतीश कुमार के लिए यहां से जीतना थोड़ा आसान हो सकता है। जानकारों के अनुसार जातीय समीकरण के सहारे ही फूलपुर सीट से अब तक नौ कुर्मी सांसद चुने जा चुके हैं। वर्तमान में कुर्मी समुदाय के भाजपा नेता केसरी देवी पटेल सांसद हैं।
बताया जाता है कि केवल फूलपुर में ही नहीं बल्कि आस-पास की तकरीबन दो दर्जन सीटों पर कुर्मी वोटर मजबूत स्थिति में हैं और इन सब सीटों के लिए नीतीश कुमार का चेहरा एक सियासी संदेश दे सकता है। ऐसे में जदयू के नेताओं का मानना है कि फूलपुर सीट सबसे सटीक हो सकती है।