Lok Sabha Elections 2024: "मोदी ने चुनाव प्रचार में सांप्रदायिक एजेंडा चलाया है, भाजपा बंगाल में बुरी तरह से हारेगी", तृणमूल नेता सौगत रॉय ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 29, 2024 12:56 IST2024-05-29T12:53:05+5:302024-05-29T12:56:56+5:30
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और दमदम लोकसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी सौगत रॉय ने कहा कि यह ऐसा चुनाव है, जो कई चीजें तय करेगा। केंद्र की वर्तमान सरकार तानाशाही प्रवृत्ति को प्रदर्शित कर रही है।

फाइल फोटो
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और दमदम लोकसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी सौगत रॉय ने कहा कि यह ऐसा चुनाव है, जो कई चीजें तय करेगा। केंद्र की वर्तमान सरकार तानाशाही प्रवृत्ति को प्रदर्शित कर रही है। उनके इस कार्य में मीडिया संस्थानों का भी बड़ा हाथ है।
समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में तृणमूल नेता सौगत रॉय ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रचार के दौरान सांप्रदायिक एजेंडा चलाया है और बंगाल में भाजपा की सबसे बड़ी हार होने वाली है। इंडिया गठबंधन अभी तक एक साथ नहीं आया है लेकिन अगर चुनाव बाद साथ आने की स्थिति उत्पन्न होगी तो एक सकारात्मक विकल्प की तलाश की जा सकती है।
बंगाल में भाजपा और तृणमूल के चुनावी प्रदर्शन पर बात करते हुए सौगत राय ने कहा, "भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बेहद खराब रहेगा, इस चुनाव में उसे 246 सीटें मिलेंगी। जहां तक बंगाल का सवाल है तो यहां भाजपा का सबसे बुरा प्रदर्शन रहने वाला है। हम यहां पर 42 में से कम से कम 36 सीटों की उम्मीद कर रहे हैं।"
वहीं बंगाल में कांग्रेस-लेफ्ट के गठबंधन पर बात करते हुए तृणमूल नेता ने कहा, मुझे संदेह है कि वे एक भी सीट नहीं जीतेंगे। लेफ्ट का मानना है कि वह बंगाल में खुद को पुनर्जीवित कर लेगा लेकिन ये उसका भ्रम है। उसका कायाकल्प केवल मीडिया की देन है। बंगाल में तो लेफ्ट का एक भी विधायक या सांसद नहीं है। कांग्रेस वैसे ही यहां पर बहुत कमजोर है।
सौगत रॉय ने बंगाल में इंडिया गठबंधन के मिलकर चुनाव नहीं लड़ने की वजहों पर बात करते हुए कहा, "इस प्रकरण में पार्टी का मत साफ है। ममता बनर्जी ने जो कहा है वही पार्टी लाइन है। पूरी संभावना है कि बीजेपी को बहुमत नहीं मिलेगा और यदि ऐसा होता है, तो इंडिया गठबंधन एक साथ आ सकता है। लेकिन अभी तक यह संभावनाओं के दायरे में है। तब, टीएमसी इंडिया गठबंधन में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी क्योंकि हमारे पास बहुत सारे सांसद होंगे।"
उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और बंगाल में हुई उसकी छापेमारी पर कहा, "मैंने भाजपा जैसी पार्टी कभी नहीं देखी जिसने केंद्रीय एजेंसियों का इतना बुरा इस्तेमाल किया हो। क्या कोई एक भी दोषसिद्धि हुई है? उनका मकसद सिर्फ बदनामी करना है। जैसा कि ममता अक्सर कहती हैं, भाजपा एक वॉशिंग मशीन है। यदि आप भ्रष्ट हैं, तो उनके पक्ष में चले जाइये और आप साफ़ हो जायेंगे। हिमंत बिस्वा सरमा या अजित पवार को देखें।"
बंगाल में अल्पसंख्यक वोटों को लेकर तृणमूल कितनी आश्वस्त है?, इस सवाल के जवाब में कहा, "अल्पसंख्यक टीएमसी के पीछे हैं। उनके पास कोई विकल्प नहीं है। वे यह आकलन करने की कोशिश करते हैं कि कौन मोदी का विरोध करने में सक्षम होगा और वे इतने भोले नहीं हैं कि यह सोचें कि सीपीएम इतने कम वोट शेयर के साथ मोदी का विरोध करेगी। वे जानते हैं कि बंगाल में सीपीएम कुछ नहीं कर सकती है।"
सौगत रॉय ने यह पूछे जाने पर कि तृणमूल का मूल प्रतिद्वंद्वी कौन है, सीपीएम या बीजेपी?, उन्होंने कहा, "साल 2014 में दमदम में सीपीएम को 29 फीसदी और बीजेपी को 22 फीसदी वोट मिले थे। 2019 में भाजपा का वोट शेयर 30 फीसदी तक बढ़ा और सीपीएम का वोट शेयर 13 फीसदी तक गिर गया। इसलिए 17 फीसदी वोट सीपीएम से भाजपा को स्थानांतरित हो गए, जबकि हमारा वोट लगभग 42 फीसदी पर स्थिर रहा। इस बार लेफ्ट का वोट 'राम' को जाएगा या फिर उनके साथ रहेगा, ये तो उन्हें तय करना है, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है।"