लोकसभा चुनाव 2019ः शरद पवार ने की राहुल से बात, सत्ता के लिए 19 मई से दिल्ली में डालेंगे डेरा
By हरीश गुप्ता | Published: May 15, 2019 08:03 AM2019-05-15T08:03:09+5:302019-05-15T08:06:41+5:30
राकांपा प्रमुख शरद पवार 19 मई को दिल्ली पहुंचेंगे और अगली सरकार बनने तक यहीं डेरा डाले रहेंगे.
19 मई को समाप्त हो रहे सात चरणों वाले लोकसभा चुनाव के साथ सत्ता के गलियारे में त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में मराठा छत्रप शरद पवार की अहम भूमिका निभाने की चर्चा है. यदि खबरों पर विश्वास किया जाए तो राकांपा प्रमुख 19 मई को दिल्ली पहुंचेंगे और अगली सरकार बनने तक यहीं डेरा डाले रहेंगे. हालांकि, सब कुछ 17वीं लोकसभा के लिए 23 मई को भाजपा और कांग्रेस को मिलने वाली सीटों पर निर्भर करेगा, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष की पवार से मुलाकात के अलावा अभी तक और कोई बैठक निर्धारित नहीं की गई है, पवार समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.
पवार ने तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को पहले ही बता दिया था कि 19 से 23 मई के बीच विपक्षी पार्टियों की कोई भी संयुक्त बैठक नहीं होगी. उन्होंने सरकार गठन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं को लेकर 21 मई को एक प्रतिनिधिमंडल के राष्ट्रपति से मुलाकात करने का सुझाव दिया है. उनको लगता है कि विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाना चाहता है और सही संख्या होने की स्थिति में वे बिना किसी देरी के एक साथ आएंगे.
वहीं सूत्रों का कहना है कि आज मोदी के सहयोगी उनके विरोधी से अधिक चिंतित हैं. इसी कारण से विपक्षी दलों के नेता ऐसे नेता के चयन में देर नहीं करेंगे जो एक प्रभावशाली, विश्वसनीय और व्यवहारिक विकल्प देने में सक्षम हों. चुनाव परिणामों की घोषणा के 24-36 घंटों के भीतर ऐसे नेता की तलाश हो जानी चाहिए ताकि बिना देरी के राष्ट्रपति के पास सरकार गठन का दावा किया जा सके. इस संबंध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आज की टिप्पणी विपक्ष के दिल को सुकून देने वाला है. उन्होंने कहा, ''हम सब यह तय करेंगे कि नेता कौन होगा और कौन सरकार चलाएगा. सभी पार्टियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्थिर सरकार हो.''
गैर-कांग्रेसी दलों के नेताओं से करेंगे बातचीत
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राकांपा प्रमुख शरद पवार से लगातार संपर्क में हैं. लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले वह उनसे चार बार मुलाकात कर चुके हैं. पवार बीजद, तेरास, वाईएसआर कांग्रेस और कम से कम 10 छोटे दलों के नेताओं से बातचीत करेंगे. वह फिलहाल फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं.