चुनावी समर 2019 के लिए जमीन पर तो जंग हो ही रही है, इसकी गिरफ्त से हालांकि आसमान भी मुक्त नहीं है। नेता एक से दूसरी जगह जाने के लिए निजी चार्टर हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर सेवाओं का बड़े स्तर पर उपयोग कर रहे हैं। चुनावी प्रचार में आगे रहने के साथ ही इस दौड़ में भी भाजपा अपने प्रतिद्धंदी दलों से आगे दिख रही है। उसके दो बड़े चेहरे और नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, औसतन एक दिन में तीन से चार बड़ी रैली कर रहे हैं तो वहीं एक से दो रोड शो कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी एक दिन में दो से तीन रैली कर रहे हैं। जबकि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी फिलहाल जमीन, नदी के सफर पर तो सक्रिय हैं लेकिन उन्होंने चुनावी उड़ान शुरू नहीं की है। अन्य दल क्योंकि मुख्यत: अपने एक प्रदेश में ही चुनावी प्रचार कर रहे हैं, ऐसे में वे मुख्य रूप से जमीन पर सक्रिय हैं। उनकी ओर से हेलिकॉप्टर सेवा लेने के कुछ ही मामले सामने आए हैं।
सबसे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की बात करें तो वह एक दिन में करीब 4 से 5 हजार किमी तक की हवाई सफर को अंजाम दे रहे हैं। वह लगभग प्रतिदिन दिल्ली से अपने चुनाव अभियान को शुरू करते हैं और उसके बाद वह एक ही बार में तीन से चार स्थानों पर जाते हैं। उनकी यह यात्रा कितनी सघन होती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक दिन उन्होंने दिल्ली से यात्रा शुरू की। उसके बाद वह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश गए। वहां से वह सुदूर अरूणाचल प्रदेश चले गए। जहां से वापस जम्मू आए। उसके उपरांत वाया दिल्ली वह फिर अहमदाबाद गए। यह करीब एक ही दिन में लगभग 5 हजार किमी की यात्रा हो गई। इसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक ही दिन में 3 से 6 हजार किमी की यात्रा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री किस तरह से चुनावी रैली में सक्रिय हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह 11 को जहां दिल्ली से बिहार के भागलपुर गए तो वहां से केंडूकोना मंगलदोई और फिर वहां से सिलचर गए तथा वहां से वापस दिल्ली आए। जबकि अगले दिन दिल्ली से अहमदनगर—गंगावथी—कालीकट की उन्होंने यात्रा की। इसके अगले दिन वह थेनी—रामनाथपुरम—मंगलौर—बंगलुरू थे। वहीं, 14 अप्रैल को उन्होंने कठुआ—अलीगढ़—मुरादाबाद रैलियों को संबोधित करने गए।
प्रधानमंत्री हालांकि दिल्ली से बाहर आने—जाने के लिए सरकारी विमान का उपयोग करते हैं। यह सुरक्षा और प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है। लेकिन उनके विमान में उनके साथ कोई भी भाजपा नेता या अन्य व्यक्ति सफर नहीं कर सकता है। एक बार जहाज से उतरने के बाद वह पूरी तरह से भाजपा की ओर से संचालित कार्यक्रम के अनुरूप सफर करते हैं। उनकी रैली व अन्य खर्च का हिसाब भी पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को दिया जाता है। जबकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लगभग निजी चार्टर विमान से यात्रा करते हैं। इसमें उनके खान—पान की भी व्यवस्था होती है। जिसमें चाय, कॉपी, नाश्ता, भोजन की व्यवस्था शामिल होती है। निजी विमान सेवा की वजह बताते हुए एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा कि एक दिन में 3 से 4 जगह व्यवसायिक उड़ान से संभव नहीं है। यही वजह है कि निजी चार्टर विमान किराया पर लिया जाता है। अमित शाह दस सीटों वाले एक चार्टर विमान का मुख्य तौर पर उपयोग करते हैं। जिसमें उनके साथ निजी सचिव, सुरक्षा अधिकारी के साथ ही पार्टी के कुछ पदाधिकारी होते हैं। भाजपा में पार्टी अध्यक्ष के अलाव चुनाव के दौरान पार्टी के कोषाध्यक्ष और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी कई बार निजी चार्टर सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि कोषाध्यक्ष होने के साथ ही वह कैंपेन समिति के प्रमुख भी हैं। ऐसे में उन्हें कई बार औचक भी कई स्थानों का दौरा करना पड़ता है।
कांग्रेस का आरोप, भाजपा की वजह से उनके स्टार प्रचारक नहीं पहुंच पाए उत्तराखंड
कांग्रेस ने हाल ही में आरोप लगाया था कि भाजपा ने उत्तराखंड में सभी हेलिकॉप्टर किराये पर ले लिये थे। इसकी वजह से उसके कई स्टार प्रचारक इस पहाड़ी प्रदेश में प्रचार के लिए नहीं पहुंच पाए। हालांकि भाजपा ने इन आरोपों के जवाब में कहा था कि पहले वह उस सितारे का नाम तो बताए जिसकी रोशनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के सामने मंद्विम न होती हो। जब वहां स्टार प्रचारक ही नहीं है तो जाएगा कौन। यह केवल कांग्रेस का बहाना है।