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लोकसभा चुनाव 2019: चांदनी चौक में हर्षवर्धन को चुनौती देंगे कांग्रेस के दिग्गज नेता जयप्रकाश अग्रवाल

By स्वाति सिंह | Updated: May 1, 2019 08:24 IST

लोकसभा चुनाव 2019: चांदनी चौक सीट पर 2014 तक कुल 14 लोकसभा चुनाव में ज्यादातर बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस अब तक यहां से नौ बार जीत चुकी है जबकि बीजेपी ने चार बार बाजी मारी है। 

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ठळक मुद्देचांदनी चौक सीट पर 2014 तक कुल 14 लोक सभा चुनाव में ज्यादातर बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।2014 के लोक सभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद फिलहाल डॉ. हर्षवर्धन यहां से सांसद हैं।

देश की राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक चांदनी चौक पर लोकसभा चुनाव-2019 में एक बार फिर सबकी नजरें टिकी हैं। चांदनी चौक को पुरानी दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षेत्र घनी आबादी के साथ-साथ चुनावी लिहाज से भी अहम है।

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस ने इस बार अपने वरिष्‍ठ और अनुभवी नेता जयप्रकाश अग्रवाल को चांदनी चौक से उम्‍मीदवार बनाया है। जेपी अग्रवाल चार बार सांसद रह चुके हैं। ऐसा कहा जाता है कि जेपी अग्रवाल पुरानी दिल्ली की नब्‍ज को बहुत ही बेहतर ढंग से जानते हैं। जबकि बीजेपी ने एक बार फिर 2014 में बीजेपी सांसद चुने गए डॉ हर्षवर्धन पर भरोसा जताया है। लेकिन इस बार डॉ हर्षवर्धन के सामने जेपी अग्रवाल के रूप में बड़ी चुनौती है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने पंकज गुप्ता मैदान में उतारा है।

चांदनी चौक सीट पर 2014 तक कुल 14 लोकसभा चुनाव में ज्यादातर बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस अब तक यहां से नौ बार जीत चुकी है जबकि बीजेपी ने चार बार बाजी मारी है। 

जयप्रकाश अग्रवाल के बारे में 

जेपी अग्रवाल ने अपनी राजनीतिक पारी 1973 के आसपास की थी। तब वह दिल्‍ली यूथ कांग्रेस कमेटी के जिलाध्‍यक्ष थे। इसके बाद साल 1983 में वह दिल्‍ली में डिप्‍टी मेयर रहे। इसी कार्यकाल के दौरान उन्‍होंने दिल्‍ली नगर निगम की स्‍टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन और नगर निगम में कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में भी जिम्‍मेदारी संभाली। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस के समर्थन में उठी लहर के दौर में जेपी पहली बार साल 1984 में लोकसभा सांसद चुने गए।

इसके बाद फिर साल 1989 और 1996 में वह लोकसभा सांसद के तौर पर चुने गए। इसके बाद साल 2006 में जेपी राज्‍यसभा सांसद बने। दिल्‍ली में शीला दीक्षित के मुख्‍यमंत्री कार्यकाल में जेपी अग्रवाल को दिल्‍ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष बनाया गया। इसके बाद भी जेपी सांसदी के चुनाव के लिए खड़े हुए और 2009 में एक बार फिर 15वीं लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने। 

लेकिन साल 2014 में कांग्रेस ने जेपी अग्रवाल की सीट बदलते हुए उन्‍हें उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली से प्रत्‍याशी बनाया जहां उन्हें बीजेपी के मनोज तिवारी के हाथों करारी हार मिली। यहां जेपी अग्रवाल लगभग 3 लाख 80 हजार वोटों से हार गए थे। हालांकि पार्टी ने इस बार अपनी गलती सुधारते हुए एक बार फिर जेपी पर भरोसा जताया है और उन्हें उनकी पुरानी सीट चांदनी चौक से चुनाव मैदान में उतारा है।

चांदनी चौक सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि

चांदनी चौक सीट पर सबसे पहले 1957 में कांग्रेस के राधा रमण ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 1962 में दोबारा फिर कांग्रेस के शाम नाथ ने ही यहां जीत हासिल की। इसके बाद 1967 में बाजी पलटते हुए भारतीय जनसंघ (बीजेएस) से आर। गोपाल ने यहां जीत दर्ज की। इसके बाद फिर 1971 में कांग्रेस की सुभद्रा जोशी ने यह सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी।

इसके बाद फिर साल 1977 में इस सीट पर बीएलडी का कब्ज़ा रहा। बाद में फिर 1980, 1984 और 1989 में इस सीट पर सिर्फ कांग्रेस का ही परचम लहराया। साल 1991 में यह सीट बीजेपी से ताराचंद खंडेलवाल के खाते में पहुंची। साल 1996 में कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक के सांसद बने। साल 1998 और साल 1999 में बीजेपी के विजय गोयल इस सीट पर काबिज रहे। इसके बाद 2004 और 2009 में कांग्रेस के कपिल सिब्बल को यहां जीत हासिल हुई थी। इसके बाद 2014 के लोक सभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद फिलहाल डॉ। हर्षवर्धन यहां से सांसद हैं।

2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे2014 लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक लोकसभा सीट पर बीजेपी का परचम लहराया था। इस सीट पर बीजेपी के डॉ हर्षवर्धन, आम आदमी पार्टी के आशुतोष और कांग्रेस के दिग्गज कपिल सिब्बल ने चुनाव लड़ा था।

साल 2014 में इस सीट पर कुल 69 फीसदी मतदान हुआ था। डॉ हर्षवर्धन ने 437938 वोटों के साथ चुनाव जीता। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने कुल 176206 वोट हासिल किए थे।

बीते तीन लोकसभा चुनाव का रिपोर्ट कार्ड  अगर बीते तीन चुनावों के वोट पर नजर डालें तो दिल्ली के लोगों के दिल के हाल का पता लगाना मुश्किल होगा। साल 2004 के चुनावों में यहां 71 फीसदी वोट प्रतिशत के साथ फैसला कांग्रेस के पक्ष में था। साल में 2009 में वोट प्रतिशत घटकर साठ रह गया। जबकि वहीं फिर साल 2014 में कांग्रेस के हिस्से में केवल 17 फीसदी वोट आए थे, जबकि बीजेपी को 44 प्रतिशत और आप को 30 प्रतिशत वोट मिले। कुल मिलकर यह कहना मुश्किल होगा कि इस बार चांदनी चौक में किसको जीत मिलती है।

हालंकि, इस बार के लोक सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का रोल काफी अहम रहने वाला है। वहीं, कांग्रेस भी लगातर बीजेपी से इस सीट को छीनने की कोशिश में जुटी है। अगर बीते नतीजों पर गौर करें तो 1998 के बाद से यह सीट बारी-बारी से बीजेपी और कांग्रेस के खाते में जा रही है और हर पार्टी दो-दो कार्यकाल पूरे कर रही है।

2014 के लोक सभा चुनाव में इस सीट पर कुल 1,447,228 मतदाता थे।वहीं, वोट प्रतिशत की बात करें तो यहां कुल 69 फीसदी मतदान हुआ था। जिसमें 550,825 पुरुषों और 431,038 महिलाओं ने वोट डाला था।

अगर चांदनी चौक के अंतर्गत आने वाले सभी 10 विधानसभा क्षेत्रों में मुद्दे की बात करें तो इसमें अवैध अतिक्रमण, ट्रैफिक, पानी की किल्लत और सीलिंग जैसी कई समस्याएं हैं। मेंबर ऑफ़ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम (MPLADS) के आकड़ों के मुताबिक जनवरी 2019 तक बीजेपी सांसद डॉ हर्षवर्धन ने अपने सांसद क्षेत्र के विकास पर 19,02 करोड़ रुपए में से 12,97 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

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