लोकसभा चुनाव 2019: मध्यप्रदेश में बीजेपी के अपने ही बन रहे संकट, बगावत का बढ़ रहा खतरा
By राजेंद्र पाराशर | Published: April 11, 2019 05:50 AM2019-04-11T05:50:41+5:302019-04-11T05:50:41+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: भाजपा को लगातार झटके मिल रहे हैं. सीधी से रीति पाठक को उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा ने आज अपना इस्तीफा दे दिया.
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के भाजपा में टिकट वितरण के साथ उपजा असंतोष और गहराता जा रहा है. भाजपा को लगातार झटके मिल रहे हैं. सीधी से रीति पाठक को उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा ने आज अपना इस्तीफा दे दिया. इसके अलावा बोध सिंह भगत मैदान में उतर गए हैं. वहीं ज्ञानसिंह की नाराजगी भी दूर नहीं हुई है, जबकि पूर्व विधायक आर.डी.प्रजापति ने पार्टी छोड़कर सपा का दामन थामा है. इसके अलावा कई स्थानों पर पार्टी पदाधिकारियों में नाराजगी दिखाई दे रही है.
मध्यप्रदेश भाजपा में टिकट वितरण के साथ उपजा असंतोष और गहरा गया है. प्रदेश में पहले चरण की छह सीटों पर होने वाले मतदान से पहले बालाघाट, शहडोल, सीधी में पार्टी के पदाधिकारियों नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही पार्टी को तीखे तेवर भी दिखाने शुरु कर दिए हैं.
बालाघाट से सांसद बोधसिंह भगत भी मैदान में उतर गए हैं, उन्होंने साफ कह दिया कि वे नामांकन वापस नहीं लेंगे. इसके अलावा शहडोल से सांसद ज्ञानसिंह इतने नाराज है कि चुनाव तो नहीं लड़ रहे, मगर वे साफ कह चुके हैं कि हिमाद्री सिंह का प्रचार नहीं करेंगे, इसके चलते पदाधिकारियों के मनाने पर भी वे हिमाद्री सिंह का नामांकन भरवाने के लिए नहीं गए.
वहीं सीधी से रीती पाठक को फिर से प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा ने आज भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. वे स्वयं सीधी से टिकट मांग रहे थे, उनकी नाराजगी को देख पार्टी पदाधिकारी उन्हें मनाने का लगातार प्रयास करते रहे, मगर आज उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. मिश्रा के इस्तीफा देने से कांग्रेस नेता प्रसन्न हैं, मगर मिश्रा ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं कि वे कांग्रेस की सदस्यता लेंगे या फिर मौन रहेंगे. मगर यह तय है कि उनके मौन रहने से भाजपा प्रत्याशी को नुकसान जरुर उठाना पड़ेगा.
मिश्रा के अलावा टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद वीरेन्द्र खटीक को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे पूर्व विधायक आर.डी.प्रजापति ने भी भाजपा से नाता तोड़ लिया है. प्रजापति ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और सपा ने उन्हें टीकमगढ़ से अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है. इसी तरह भिंड में पूर्व सांसद अशोक अर्गल भी नाराज चल रहे हैं, वे अब भी कांग्रेस के संपर्क में है.