समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को अपना घर कार्यालय बनाने का ऑफर देने वाले बीजेपी नेता आईपी सिंह को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंह को निष्कासित किया गया है। एक दिन पहले आईपी सिंह ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने पर खुशी जाहिर किया था। आजमगढ़ से पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव मैदान मे हैं, वहीं रामपुर से आजम खान को टिकट दिया गया है।
सपा की ओर से अखिलेश यादव के आजमगढ़ से लड़ने की घोषणा के तुरंत बाद बीजेपी नेता आईपी सिंह ने अखिलेश यादव को टैग करते हुए ट्वीट कर कहा,"माननीय अखिलेश यादव जी का आजमगढ़ पूर्वांचल से लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा होने के बाद पूर्वांचल की जनता में खुशी की लहर, युवाओं में जोश,आपके आने से पूर्वांचल का विकास होगा। जाति और धर्म की राजनीति का अंत होगा,मुझे खुशी होगी यदि मेरा आवास भी आपका चुनाव कार्यालय बने"।
सब बने हैं 'चौकीदार', आईपी सिंह बने 'उसूलदार'-कल्याण सिंह सरकार में दर्जा राज्य मंत्री रहे आईपी सिंह पिछले काफी समय से बीजेपी के कुछ शीर्ष नेताओं से नाराज चल रहे हैं। एकतरफ जहां बीजेपी के आधिकांश नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फॉलो करते हुए ट्विटर पर अपने नाम के आगे 'चौकीदार' लगाए हुए हैं, वहीं आईपी सिंह 'उसूलदार' लिखे हुए हैं।पहले भी हुए हैं निलंबित-लंबे समय से बीजेपी के साथ काम कर रहे आईपी सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी में बीएसपी के नेता बाबू सिंह कुशवाहा के शामिल होने का विरोध किया था। इसके बाद सिंह को प्रदेश कार्यकारिणी से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में पार्टी ने उनका निलंबन वापस ले लिया था।