लोकसभा चुनाव 2019: पांच साल के काम से इतर बीजेपी ने इन पांच मुद्दों पर खेला चुनावी दांव
By आदित्य द्विवेदी | Updated: May 22, 2019 13:56 IST2019-05-22T13:56:59+5:302019-05-22T13:56:59+5:30
मोदी सरकार ने अपने पांच साल के कामकाज को लेकर जनता के बीच जाने की बजाए इन मुद्दों पर दांव खेला। एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि वह अपनी रणनीति में सफल भी साबित हुए।

कहीं पे निगाहें-कहीं पे निशाना (नरेंद्र मोदी-फाइल फोटो)
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने मोदी सरकार के पांच साल के काम काज को किनारे रखा। स्टार प्रचारकों के भाषणों और चुनावी रणनीतियों में मोदी सरकार के पांच का रिपोर्ट कार्ड गायब रहा। इससे इतर इस चुनाव में बीजेपी ने राष्ट्रवाद, हिंदुत्व, आतंकवाद, भ्रष्टाचार मुक्त छवि और महामिलावटी विपक्ष जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा। बीजेपी का अनुमान था कि क्षेत्रीय पार्टियों ने जिस तरह का गठबंधन बनाया है उससे निपटने के लिए यही मुद्दे सहारा बन सकते हैं। एग्जिट पोल के निष्कर्ष बता रहे हैं कि बीजेपी अपनी इस रणनीति में सफल भी साबित हुई है।
राष्ट्रवाद
भारतीय जनता पार्टी के पूरे चुनावी कैम्पेन में राष्ट्रवाद को प्रमुखता से रखा गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषणों में बार-बार बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र किया। राष्ट्रवाद ही ऐसा धागा है जो जाति, धर्म और सम्प्रदाय के अलग-अलग खांचों में बंटे भारतीय समाज को एक सूत्र में पिरो सकता है।
हिंदुत्व
लोकसभा चुनाव 2019 में कमोबेश सभी बड़ी पार्टियों ने हिंदुत्व के मुद्दे पर सॉफ्ट एंगल दिखाया। लेकिन बीजेपी हिंदुत्व पर आक्रामक और मुखर रही। इसकी बानगी उन्होंने मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, साध्वी निरंजन ज्योति, साक्षी महाराज जैसे नेताओं को टिकट देकर जता दी। पीएम मोदी ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर की उम्मीदवारी का समर्थन किया। बीजेपी का अनुमान था कि युवाओं को जाति से ऊपर उठकर वोटिंग कराने के लिए हिंदुत्व कार्ड कारगर साबित हो सकता है। इससे क्षेत्रीय पार्टियों की सोशल इंजीनियरिंग पर भी बट्टा लग सकता है। यह कितना कारगर रहा इसका पता तो 23 मई को मतगणना के बाद ही चल सकेगा।
आतंकवाद
बीजेपी ने आतंकवाद के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। चुनाव के दौरान ही जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जाना मोदी सरकार के लिए सोने पर सुहागा साबित हुआ। सरकार यह दिखाने में सफल रही कि आतंकवाद के खिलाफ सभी देश उसके साथ खड़े हैं और पाकिस्तान को अलग-थलग करने में मोदी सरकार कामयाब रही है। बीजेपी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का भी जिक्र किया। इसके जरिए बीजेपी यह संदेश देने में सफल रही कि उनकी सरकार ने सेना के हाथ खोल दिए हैं और वह आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।
भ्रष्टाचार मुक्त सरकार
राफेल रक्षा सौदे में विपक्ष ने मोदी सरकार पर लगातार हमला बोला। लेकिन रक्षात्मक होने के बजाए बीजेपी ने सामने आकर इसका सामना किया। कांग्रेस पार्टी के 'चौकीदार चोर है' कैम्पेन के जवाब में बीजेपी ने 'मैं भी चौकीदार' कैम्पेन चलाया। बीजेपी ने दावा किया कि पिछले सरकार भ्रष्टाचार में डूबी थी, लेकिन इससे उलट उनके किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। पीएम मोदी ने राजीव गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके किसी भी परिजन या नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप हों तो विपक्षी दल सबूत के साथ सामने आएं। बीजेपी जनता तक यह भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का संदेश पहुंचाने में कामयाब रही।
विचारधारा हीन विपक्ष (महामिलावटी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी भाषणों में विपक्ष को लगातार महामिलावटी करार देते रहे। वह जनता के बीच यह संदेश देना चाहते थे कि अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती देख विपक्ष विचारधारा भूलकर एक साथ आ गए हैं। एक-दूसरे के खिलाफ राजनीति करने वाले सपा-बसपा ने भी 25 साल बाद गठबंधन कर लिया।
एग्जिट पोल के आंकड़े इन मुद्दों पर बीजेपी की जीत का इशारा भले ही कर दिया हो, लेकिन असली नतीजे तो 23 मई को ही आएंगे। अगर बीजेपी की इन पांच मुद्दों की रणनीति प्रभावी रही तो इस चुनाव में पार्टी रिकॉर्ड सीटें ला सकती है। अगर मतदाताओं ने पुराने ढर्रे पर ही वोट दिया तो बीजेपी को बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचना भी मुश्किल हो सकता है।