लोकसभा चुनावः क्या दस दिन में किसान कर्जमाफी जैसा असर दिखा पाएगी राहुल गांधी की न्याय योजना?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: May 5, 2019 06:03 PM2019-05-05T18:03:23+5:302019-05-05T18:03:23+5:30

राहुल गांधी अपनी चुनावी सभाओं में न्याय योजना के बारे में विस्तार से बता रहे हैं, परन्तु यह किसान कर्जमाफी की तरह असर दिखा पाएगी या नहीं, यह तो चुनावी नतीजों में ही स्पष्ट हो पाएगा.

Lok Sabha Election: Will the tenure of farmers in the ten days show the effect of debt relief like Rahul Gandhi's justice plan? | लोकसभा चुनावः क्या दस दिन में किसान कर्जमाफी जैसा असर दिखा पाएगी राहुल गांधी की न्याय योजना?

लोकसभा चुनावः क्या दस दिन में किसान कर्जमाफी जैसा असर दिखा पाएगी राहुल गांधी की न्याय योजना?

Highlightsराहुल का कहना था कि- जैसे ही न्याय योजना शुरू होगी, वैसे ही पैसा गरीब के बैंक खाते में आएगाराहुल गांधी ने दावा किया कि पार्टी की प्रस्तावित महत्वाकांक्षी न्यूनतम आय गारंटी- न्याय योजना से देश की अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ेगी

राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी सरकार आई तो दस दिन में किसानों के कर्जे माफ किए जाएंगे,. इसका ऐसा असर हुआ कि राजस्थान ही नहीं, एमपी और छत्तीसगढ़, तीनों राज्यों से बीजेपी की विदाई हो गई.

इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि पार्टी की प्रस्तावित महत्वाकांक्षी न्यूनतम आय गारंटी- न्याय योजना से देश की अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ेगी और इससे लाखों युवाओं को रोजगार भी मिलना शुरू हो जाएगा. 

विभिन्न चुनावी सभाओं में राहुल गांधी का कहना था कि- जैसे ही हम न्याय योजना शुरू करेंगे, अर्थव्यवस्था चलना शुरू हो जाएगी. युवाओं को रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा.

उनका कहना था कि- ‘न्याय’ योजना का फायदा केवल सबसे गरीब पांच करोड़ परिवारों को ही नहीं, बल्कि समूचे देश को होगा. पीएम मोदी के नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों ने देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचने के साथ-साथ बेरोजगारी बढ़ाने एवं लोगों की क्रय क्षमता घटाने का काम किया है. नोटबंदी एवं गब्बर सिंह टैक्स- जीएसटी जैसे कदमों से जो पैसा लोगों की जेब से निकाला गया है, मैं केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आने के बाद 5 करोड़ गरीब लोगों के खाते में न्याय योजना के तहत 6,000 रुपये प्रति माह डालकर 25 करोड़ लोगों को सीधा फायदा पहुंचाना चाहता हूं, मतलब- 72,000 रुपये साल के, तीन लाख 60 हजार रुपये पांच साल के और ये पैसा महिलाओं के बैंक खातों में जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उस दिन तक यह पैसा डालेगी, जिस दिन तक उस व्यक्ति के परिवार की आमदानी 12,000 रूपये प्रति माह तक नहीं होगी.

राहुल का कहना था कि- जैसे ही न्याय योजना शुरू होगी, वैसे ही पैसा गरीब के बैंक खाते में आएगा, उसी दिन से वे पुनः कच्चा माल खरीदना शुरू करेंगे, जिससे दुकानें चलेंगी, फैक्ट्रियां शुरू होंगी, माल बनाएंगे और वहां युवाओं को रोजगार भी मिलने लगेगा. इस तरह न्याय योजना शुरू होते ही नोटबंदी एवं जीएसटी से देश की खराब हुई अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी.

क्योंकि, पीएम मोदी सरकार के पुराने वादे ही अभी तक अधूरे हैं, लिहाजा पीएम मोदी अपने चुनावी भाषणों में गरीबों, किसानों, युवाओं के लिए न्याय जैसी किसी बड़ी योजना की घोषणा तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन अपनी सरकार की इसी तरह की योजनाओं को बेहतर जरूर बता रहे हैं.

राहुल गांधी अपनी चुनावी सभाओं में न्याय योजना के बारे में विस्तार से बता रहे हैं, परन्तु यह किसान कर्जमाफी की तरह असर दिखा पाएगी या नहीं, यह तो चुनावी नतीजों में ही स्पष्ट हो पाएगा.

Web Title: Lok Sabha Election: Will the tenure of farmers in the ten days show the effect of debt relief like Rahul Gandhi's justice plan?



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