आग से होने वाली दुर्घटनाओं में हर दिन 62 लोगों की मौत हो रही है. वहीं आग की दुर्घटनाओं से सालाना 18 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है लेकिन फिर भी सरकारें इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. युनाइटेड ह्यूमन राइट्स फेडरेशन (यूएचआरएफ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस संबंध में पत्र लिखा है. संगठनों ने नई सरकार के एजेंडे में आग को महत्वपूर्ण विषय के तौर पर देखने की मांग की है.यूएचआरएफ की ओर से आग पर दुर्घटनाओं को लेकर अंतर्राष्ट्रीय फायर फाइटर दिवस पर 4 मई को एक 'अलर्ट दौड' आयोजित की जा रही है. फेडरेशन को उम्मीद है कि इससे न केवल लोगों में इसके प्रति जागरूकता आएगी बल्कि जनता भी सरकार पर दबाव बनाएगी कि वे अपने चुनावी संकल्प में आग से बचाव के लिए कदम उठाएं.यूएचआरएफ के सचिव अरुण पाल ने कहा कि हमने पत्र लिखकर मांग की है कि भाजपा-कांग्रेस चुनावीं भाषणों में यह भी बताएं कि केंद्र में नई सरकार बनने पर वह आग से होने वाली दुर्घटनाओं पर बचाव और आग से सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाएंगी?उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी किसी राजनैतिक दल ने आग से बचाव के लिए कड़े नियम नहीं बनाए हैं. उन्होंने दोनों प्रमुख दलों को लिखा है कि वे आग से बचाव, जीवन रक्षा और आग से सुरक्षा को लेकर एक केंद्रीय कानून बनाने का ऐलान अपने घोषणा पत्र में करें. समय की जरूरत है कि आग से बचाव के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 को पूरी तरह से अनुपालन में लाया जाए.सुप्रीम कोर्ट अपने कई फैसलों में यह बताता रहा है कि देश में पूरी तरह से आग से बचाव के नियमों का पाल नहीं हो रहा है। जिसकी वजह से बड़े स्तर पर दुर्घटनाएं हो रही हैं और जान-माल का नुकसान जारी है.
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) का आंकड़ों के अनुसार देश में हर दिन 62 लोग आग की दुर्घटनाओं में अकाल ही मौत का ग्रास बन रहे हैं. आग की दुर्घटनाओं से देश को हर साल करीब 18 हजार करोड रुपए का नुकसान भी हो रहा है. वर्ष 2018 में देश में करीब करीब 25 हजार लोगों की आग से मौत या दुर्घटनाग्रस्त हुए. यह भी सामने आया कि इससे हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.