लोकसभा चुनाव 2019: मध्यप्रदेश में अब तक रफ्तार नहीं पकड़ पाई साइकिल, सपा के 100% उम्मीदवार जब्त कराते रहे हैं जमानत
By राजेंद्र पाराशर | Published: March 19, 2019 08:00 AM2019-03-19T08:00:32+5:302019-03-19T08:00:32+5:30
मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव में सपा ने अब तक विजय हासिल नहीं की है। बल्कि 1996 के बाद से हुए 6 लोकसभा चुनावों में तो उसके प्रत्याशियों की यह हालत रही कि वे सभी अपनी जमानतें जब्त कराते रहे हैं।
मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की साइकिल अब तक रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। बीते छह चुनावों में तो सपा के सौ फीसदी प्रत्याशी अपनी जमानतें ही जब्त कराते रहे हैं। इस बार फिर तीन संसदीय क्षेत्रों में सपा मैदान में उतर रही है, मगर प्रदेश में उसका संगठन बिखर गया है। विधानसभा चुनाव के बाद भंग की कार्यकारिणी का गठन अब तक नहीं हुआ है, जिसके कारण मैदानी कार्यकर्ता निष्क्रिय नजर आ रहा है।
मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव में सपा ने अब तक विजय हासिल नहीं की है। बल्कि 1996 के बाद से हुए 6 लोकसभा चुनावों में तो उसके प्रत्याशियों की यह हालत रही कि वे सभी अपनी जमानतें जब्त कराते रहे हैं। सपा बीते छह चुनाव अपने बूते पर ही लड़े, मगर सिर्फ एक बार 2014 के लोकसभा चुनाव में उसे 3।19 फीसदी (590090) वोट हासिल हुए। इसके पहले और बाद के चुनावों में सपा ने कभी भी यह आंकड़ा नहीं छुआ है। इस बार जरुर पार्टी खाता खोलने की बात कह रही है, मगर उसका संगठन बिखरा हुआ है। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया था, इसके बाद से अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है। इस स्थिति में उसका मैदानी कार्यकर्ता जो कुछ विधानसभा क्षेत्रों में था, वहां बिखरा हुआ नजर आ रहा है
गठबंधन के सहारे नैया पार की कवायद
उत्तरप्रदेश की तरह मध्यप्रदेश में भी समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन करके 3 संसदीय क्षेत्रों टीकमगढ़, खजुराहो और बालाघाट से अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने का फैसला लिया है। इसमें टीकमगढ़ से सपा ने अपना प्रत्याशी आर।आर।बंसल को बनाया है। जबकि खजुराहो और बालाघाट में अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। बालाघाट में सपा फिर से बीते चुनाव में हार चुकी अनुभा मुंजारे पर दाव लगा सकती है। यहां उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में भी सपा ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, मगर उसे इस गठबंधन का फायदा नहीं हुआ। उसे जो एक सीट मिली वह भी कांग्रेस से बागी हुए नेता के रुप में मिली थी।
कब, कितने उम्मीदवारों ने जब्त कराई जमानत
समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में जब भी प्रत्याशी खड़े किए उनकी जमानतें जब्त हुई है। वर्ष 1996 में सपा ने 4 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, इन सभी की जमानत जब्त हुई थी। इसके बाद 1998 में 12, 1999 में 20 उम्मीदवार खड़े किए थे, इन सभी की जमानतें भी जब्त होती रही। विभाजित मध्यप्रदेश में वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश के 29 संसदीय क्षेत्रों में पहली बार सपा ने सभी 29 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे, मगर उसके सभी प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हुई थी। इसके बाद वर्ष 2009 में 18 और 2014 में सपा ने 11 स्थानों पर प्रत्याशी उतारे, मगर सभी की जमानतें जब्त हो गई थी।