RJD में खुलकर सामने आई नाराजगी, कई दिग्गज नेताओं ने छोड़ा लालटेन का साथ, टिकट बंटवारे में लगाया पैसे के लेन-देन का आरोप
By एस पी सिन्हा | Published: April 11, 2019 06:13 AM2019-04-11T06:13:19+5:302019-04-11T06:13:19+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: राजद के पूर्व सांसद, पूर्व विधान पार्षद समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए पार्टी पर आरोप लगाया कि राजद में अतिपिछडों की उपेक्षा हो रही थी.
बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे राजद को पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले झटके पर झटका लगते जा रहा है. पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई, तो वहीं, पार्टी के पूर्व सांसद मंगनीलाल मण्डल, रामबदन राय, सहित कुछ पूर्व विधायकों ने राजद से को बाय-बाय कह दिया .
राजद के पूर्व सांसद, पूर्व विधान पार्षद समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए पार्टी पर आरोप लगाया कि राजद में अतिपिछडों की उपेक्षा हो रही थी. नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन कर राजद छोडने की घोषणा की.
इस मौके पर राजद के पूर्व सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह संसदीय बोर्ड के सदस्य मंगनी लाल मंडल, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधान पार्षद रामबदन राय, पूर्व विधायक जगत नारायण सिंह कुशवाहा, प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल मंडल, चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डा. एपी सिंह, मणिकांत आजाद, मिश्री लाल ठाकुर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इस मौके पर पूर्व विधायक सुधांशु शेखर भास्कर के भी पार्टी छोडने की बात कही गई थी, लेकिन वह नहीं पहुंचे.
राजद में पिछड़ों को दरकिनार किये जाने से नाराज मंगनीलाल मण्डल ने कहा कि बडे-बडे और पुराने राजद के नेताओं का टिकट काट गया. पार्टी ने टिकट वितरण में गडबडी की गई है. ऐसे भी सूचना मिली है कि टिकट बेचा गया. मंडल ने कहा कि राजद संविधान बचाने की बात कर रहा है, लेकिन दूसरी तरफ कई लोगों का टिकट काट दिया गया.
मंगनी लाल मंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बडाई करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने कई दलितों को टिकट दिया है. पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंगनीलाल मंडल ने कहा कि अतिपिछडों के लिए राजद 'भूतहा घर' हो गया है. उन्होंने कहा कि हमलोग सोचते थे कि सामाजिक न्याय की असली पार्टी राजद हैं, लेकिन भ्रम टूट गया.' उन्होंने नीतीश कुमार और भाजपा की तारीफ तो की, लेकिन किस पार्टी में जायेंगे, इसकी जानकारी नहीं दी.
मंडल ने कहा कि जदयू ने 17 में से छह और भाजपा ने 17 में से दो टिकट अतिपिछडों को दिया. लेकिन, राजद ने एक सीट अतिपिछडे को दी. नेताओं ने टिकट वितरण में अतिपिछडों की अनदेखी के साथ बडे पैमाने पर पैसे के लेनदेन की भी बात कही. उन्होंने कहा कि राजद का घोषणापत्र कूडेदान में भी फेंकने लायक भी नहीं है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर राजनेताओं के बीच दल बदल का खेल लगातार जारी है. इससे पहले भी कई नेताओं ने विभिन्न पार्टी का साथ छोड दिया था.