लोकसभा चुनाव 2019: संघ ने प्रतिनिधि सभा की बैठक में बीजेपी और पीएम मोदी को लेकर क्या संकेत दिए?
By विकास कुमार | Updated: March 16, 2019 16:38 IST2019-03-16T16:38:25+5:302019-03-16T16:38:25+5:30
बीते साल विज्ञान भवन में हुए भाषण में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि संघ का स्वयंसेवक किसी भी पार्टी को वोट दे सकता है. और कांग्रेस मुक्त भारत एक राजनीतिक नारा है जिससे संघ का कोई वास्ता नहीं है. उनके इस बयान के बाद बीजेपी चिंता में डूब गई थी.

लोकसभा चुनाव 2019: संघ ने प्रतिनिधि सभा की बैठक में बीजेपी और पीएम मोदी को लेकर क्या संकेत दिए?
हाल ही में संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक हुई. सांगठनिक ढांचे के हिसाब से आरएसएस की यह मीटिंग सर्वोच्च होती है. इसमें साल भर का लेखा-जोखा पेश किया जाता है. संघ प्रमुख के साल भर की गतिविधियों को बताया जाता है. संघ के इस मीटिंग में उसके आनुषंगिक संगठन के लोग भी हिस्सा लेते है. बीजेपी संघ का आनुषंगिक संगठन है और इस हैसियत से बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया और पार्टी के साल भर के गतिविधियों से संघ को अवगत कराया.
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हुए इस मीटिंग का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि पिछले कुछ समय से ऐसी ख़बरें आ रही थी कि संघ इस चुनाव में बीजेपी के लिए खुल कर सामने नहीं आएगा जिस तरह से 2014 में आया था. लेकिन इस बैठक के बाद संघ के नेतृत्व स्तर पर ही उन अफवाहों को खारिज कर दिया गया है.
देश में यज्ञ होने वाला है
तीन दिनों तक चली इस बैठक में संघ ने कई मुद्दों पर विमर्श किया. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव का सीधे जिक्र तो नहीं किया लेकिन यह जरूर कहा कि देश में यज्ञ होने वाला है और आपको( संघ के स्वयंसेवक) एक बार फिर लगना है और इसे अच्छी तरह संपन्न कराना है. मोहन भागवत ने अप्रत्यक्ष रूप से संघ के स्वयंसेवकों को इशारा कर दिया है कि बीजेपी के पक्ष में एक बार फिर से माहौल बनाना है.
नरेन्द्र मोदी को मिला समर्थन
संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले ने इस मुद्दे पर स्थिति को और भी स्पष्ट किया है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "आरएसएस इस चुनाव में 100 प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के लिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाएगा. राष्ट्र हित में काम करने वाली पार्टी का समर्थन संघ करेगा और मौजूदा सरकार देश हित में काम कर रही है." इस बयान के बाद शक की कोई गुंजाईश नहीं बचती है. संघ ने यह साफ कर दिया है कि नरेन्द्र मोदी के पक्ष में उसके स्वयंसेवक खुल कर प्रचार करेंगे.
संघ बनाएगा राष्ट्रवाद का माहौल
राम मंदिर को लेकर संघ की योजना भी तैयार है. मंदिर निर्माण में हो रही देरी का ठीकरा संघ सुप्रीम कोर्ट के सर पर फोड़ेगा और सरकार का बचाव करेगा. इसके साथ ही देश में राष्ट्रवाद के माहौल को बनाये रखने के लिए संघ आजाद हिन्द फौज के 75 वीं वर्षगांठ मनायेगा. संघ के स्वयंसेवकों को इसके लिए निर्देश दे दिया गया है.
Sarkaryavah calls for celebrating 75th anniversary of the Azad Hind Fauz government.
— RSS (@RSSorg) March 9, 2019
Bharatiya Family System : A Unique Contribution to Humanity.https://t.co/Fe9iJ88Emp#ABPS2019pic.twitter.com/clFYIfhCBz
'कांग्रेस मुक्त भारत' एक राजनीतिक नारा
बीते साल विज्ञान भवन में हुए भाषण में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि संघ का स्वयंसेवक किसी भी पार्टी को वोट दे सकता है. और कांग्रेस मुक्त भारत एक राजनीतिक नारा है जिससे संघ का कोई वास्ता नहीं है. उनके इस बयान के बाद बीजेपी चिंता में डूब गई थी. लेकिन चुनाव के ठीक पहले संघ ने साफ कर दिया है वो अपने अपने वैचारिक सिपाही को केंद्रीय सत्ता में पहुंचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा.