बसपा प्रमुख मायावती राजनीतिक अवसाद की पीड़ा भोग रही हैंः दिनेश शर्मा
By भाषा | Updated: May 13, 2019 13:52 IST2019-05-13T13:52:54+5:302019-05-13T13:52:54+5:30
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा है कि बसपा अध्यक्ष ‘राजनीतिक अवसाद’ से पीड़ित हैं। उन्हें भय है कि बसपा प्रत्याशी वर्तमान आम चुनाव में पराजित हो जायेंगे और इसी के परिणामस्वरूप वह अपना धैर्य और संयम खो रही हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यही कारण है कि वह (मायावती) प्रधानमंत्री को ‘झूठा पिछड़ा’ कह रही है। उन्हें अपनी स्मृति में अवश्य सुधार करना चाहिए और इसके लिए उन्हें राजनीतिक स्वास्थ्य टॉनिक की आवश्यकता है।’’
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा है कि बसपा अध्यक्ष ‘राजनीतिक अवसाद’ से पीड़ित हैं। उन्हें भय है कि बसपा प्रत्याशी वर्तमान आम चुनाव में पराजित हो जायेंगे और इसी के परिणामस्वरूप वह अपना धैर्य और संयम खो रही हैं।
शर्मा ने दावा किया कि मायावाती की स्मृति धुंधली हो रही है और वह कमजोरी प्रदर्शित कर रही हैं। उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘बसपा सुप्रीमो के कथनों में ये सभी लक्षण स्पष्ट लक्षित हो रहे हैं।’’ शर्मा ने कहा कि बसपा सुप्रीमो को ‘‘राजनीतिक स्वास्थ्य टॉनिक’’ की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में बसपा-सपा-रालोद गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं। मायावती ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे मुद्दों को हल करने में ‘‘बुरी तरह असफल’’ रही है। शर्मा ने कहा, ‘‘बसपा प्रमुख मायावती राजनीतिक अवसाद की पीड़ा भोग रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि बसपा प्रत्याशियों की पराजय आसन्न है और उनके गठबंधन सहयोगियों की भी यही दशा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यही कारण है कि वह (मायावती) प्रधानमंत्री को ‘झूठा पिछड़ा’ कह रही है। उन्हें अपनी स्मृति में अवश्य सुधार करना चाहिए और इसके लिए उन्हें राजनीतिक स्वास्थ्य टॉनिक की आवश्यकता है।’’ विदित हो कि मायावती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच राजस्थान के अलवर में हुए सामूहिक बलात्कार कांड को लेकर रविवार को वाक् युद्ध छिड़ गया था।
उन्होंने कहा , ‘‘बसपा सरकार (उप्र में) ने सामान्य व्यक्तियों के कल्याण हेतु कुछ नहीं किया..यह मोदी सरकार है जो पंच तीर्थ (बी आर आम्बेडकर के सम्मान में) का विकास कर रही है।’’ शर्मा ने कहा कि मायावती दलित होने का पाखंड करती हैं लेकिन उन्होंने समुदाय के उत्थान हेतु कुछ नहीं किया। उन्होंने दलित होने का सिर्फ ढोंग किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ, सबका विकास में विश्वास करते हैं।