लोकसभा चुनाव 2019: मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्यों कहा- EVM में इतनी गड़बड़ी मंजूर है

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: August 24, 2018 12:21 IST2018-08-24T12:21:03+5:302018-08-24T12:21:03+5:30

बीजेपी लोकसभा चुनाव के साथ 11 राज्यों के विधानसभा चुनावों को कराने की मांग कर रही है।

Lok Sabha election 2019: Election Commission unable to held lok sabha and vidhan sabha election together | लोकसभा चुनाव 2019: मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्यों कहा- EVM में इतनी गड़बड़ी मंजूर है

फाइल फोटो

नई दिल्ली, 24 अगस्तः भारत के चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने पत्रकारों से बाकयदे बातकर के यह साफ किया कि आने वाले दिनों में एक साथ चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जिस तरह से लोकसभा चुनाव 2019 के साथ करीब 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग कर रही, उसका कोई कानूनी आधार नहीं है।

इससे भी बढ़कर उन्होंने एक बड़ी बात खुलासा किया कि चुनाव आयोग के पास कुल 400 कर्मचारी ही हैं। जब‌कि एक साथ चुनाव के लिए 1.11 करोड़ कर्मचारियों की जरूरत है। यह एक ऐसा डाटा है जिस ओर से देखकर डर लगता है। ऐसे में बीजेपी एक साथ चुनाव को लेकर इतनी गंभीरता से कैसे आगे बढ़ रही है, यह समझ पाना मुश्किल है।

लेकिन इसी बीच ओपी रावत ने एक और खास बात की ओर ध्यान  खीचा। उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर हिस्से में लोगों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बारे में अच्छे से पता ही नहीं है। लोगों में निसंदेह इस मशीन को लेकर कई सवाल है। लेकिन उन्होंने एक चौंकाने बात कही। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के अनुसार ईवीएम में गड़बड़ी या इससे नाकाम होने की उम्मीद महज 0.5 से लेकर 0.6 फीसदी है। इसके आगे उन्होंने एक और चौंकाने वाली बात कही कि ईवीएम में इतनी गड़बड़ी चुनाव आयोग को मंजूर है।

उनके अनुसार ईवीएम एक मशीन है। इसमें नगण्य के बराबर प्रतिशत त्रूटि रहने की हमेशा गुंजाइश रहती है। लेकिन इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता। इससे पहले कई राजनैतिक पार्टियां ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठा चुकी हैं। आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने ईवीएम हैक करने की तकनीक मौजूद होने का दावा भी किया था।

बहरहाल मौजूदा सवाल देशभर में एक साथ चुनाव कराने की मांग के बाद उठा था। पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने ऐसी किसी संभावना से फिलहाल इंकार कर दिया है। ऐसे में यही माना जाना चाहिए कि इसी साल के आखिर तक राजस्‍थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। जबकि अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव 2019 कराए जाएंगे।

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