विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद, अब लोकसभा के लिए बनाया यह नया प्लान 

By रामदीप मिश्रा | Published: January 22, 2019 05:25 PM2019-01-22T17:25:27+5:302019-01-22T17:32:26+5:30

बीते साल के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सीटों के बड़े अंतर से हराया। सूबे की 199 सीटों में से कांग्रेस ने 99 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि बीजेपी 73 सीटों पर सिमट गई।

lok sabha election 2019: congress strategy for general election after assembly polls victory | विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद, अब लोकसभा के लिए बनाया यह नया प्लान 

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Highlightsझेत्रफल के आधार पर राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। हालांकि यहां लोकसभा सीटें 25 हैं, जिस पर जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस पसीना बहाने में जुट गई है।प्रभारी मंत्रियों की रिपोर्ट के आधार पर रणनीति बनाएगी और फैसले लेकर जमीनी राजनीतिक समीकरणों को पार्टी के पक्ष करने की कोशिश की जाएगी।विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को सीटों के बड़े अंतर से हराया। सूबे की 199 सीटों में से कांग्रेस ने 99 सीटों पर विजय हासिल की।

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की और सूबे के वरिष्ठ नेता व जादूगर अशोक गहलोत पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी। इसके बाद से पार्टी ने अगले सबसे बड़े चुनावी महाकुंभ यानी 'लोकसभा चुनाव-2019' के लिए तैयारियां शुरू कर दीं। सबसे बड़ी बात यह है कि चुनाव जीतने की वजह से पार्टी का हौसला सातवें बुलंद है और कांग्रेस अध्यक्ष खुद आक्रामक मोड में नजर आ रहे हैं। यही वजह है पार्टी ने सूबे में रणनीति बनाने के लिए अभी से जिम्मेदारियां सौंपना शुरू कर दिया है। 

यह बनाई कांग्रेस ने रणनीति

बतात चलें कि झेत्रफल के आधार पर राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। हालांकि यहां लोकसभा सीटें 25 हैं, जिस पर जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस पसीना बहाने में जुट गई है। उसने जिलों के 23 प्रभारी मंत्रियों को बड़ा टास्क सौंपा है और उन्हें जिम्मेदारी दी है कि कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में लाया जाए। साथ ही साथ मंत्रियों को कार्यकर्ताओं की परेशानियां, उनके मन की बात और जमीनी हकीकत जानने के लिए कहा गया है। यही नहीं, प्रभारी मंत्रियों को इस बात की रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को सौंपनी होगी।

    

प्रभारी मंत्री बढ़ा पाएंगे पार्टी में अपना कद?     

खास बात यह कि प्रभारी मंत्रियों की रिपोर्ट के आधार पर रणनीति बनाएगी और फैसले लेकर जमीनी राजनीतिक समीकरणों को पार्टी के पक्ष करने की कोशिश की जाएगी। साथ ही साथ उनकी परफॉर्मेंस का यही पैमाना भी होने की बात कही जा रही है, जो भी प्रभारी मंत्री अपने क्षेत्र में वोटों से पिछड़ेगा उसके पार्टी हाईकमान की निगाहों में नंबर कट जाएंगे। इस वजह से सभी मंत्री अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुट गए। 

विधानसभा चुनाव के ये हैं आकड़े

उल्लेखनीय है कि बीते साल के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सीटों के बड़े अंतर से हराया। सूबे की 199 सीटों में से कांग्रेस ने 99 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि बीजेपी 73 सीटों पर सिमट गई। अगर वोट शेयर की बात करें तो ज्यादा अंतर देखने को नहीं मिला। यहां कांग्रेस को 39.3 फीसदी वोट मिले। वहीं, बीजेपी के खाते में 38.8 फीसदी वोट गए। इसके अलावा तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार रहे थे, जिन्हें 9.5 फीसदी वोट मिले और चौथे नंबर पर बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) रही, जिसे 4 फीसदी वोट मिले।

2014 लोकसभा चुनाव में ये था कांग्रेस का हाल

अगर साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव को देखा जाए तो कांग्रेस की बहुत बुरी हार हुई थी और बीजेपी ने उसे डबल डिजिट में ला दिया था। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले थे। उसने 428 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, कांग्रेस को 19.31 फीसदी वोट मिले थे और उसने 464 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से केवल 44 सीटों पर विजय हासिल हो सकी थी। राजस्थान में बीजेपी ने क्लीन स्वीप मारा था और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका था।   

Web Title: lok sabha election 2019: congress strategy for general election after assembly polls victory