भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भोपाल सीट से 22 अप्रैल को नामांकन कर दिया है। भोपाल में 12 मई को चुनाव होने वाले हैं।
नामांकन के पहले बीजेपी साध्वी प्रज्ञा का बचाव करते भी नजर आई है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साध्वी प्रज्ञा को लोकसभा उम्मीदवार बनाए जाने के पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और मालेगांव विस्फोट मामले के असली गुनहगार कानून से बच गए।
अमित शाह ने कहा, 'साध्वी प्रज्ञा को टिकट देना पूरी तरह से सही फैसला है। उनके खिलाफ आरोप निराधार हैं। उनके या स्वामी असीमानंद के खिलाफ कुछ भी साबित नहीं हुआ है।
अमित शाह ने दावा किया है कि असली गुनाहगारों को गिरफ्तार करने के बाद छोड़ दिया गया। सवाल होना चाहिए कि उन्हें क्यों छोड़ा गया।
अमित शाह ने प्रेस वार्ता में विवादित एनआरसी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर कहा है कि शरणार्थियों को चिंता करने की जरुरत नहीं है क्योंकि सत्ता में वापस आने के बाद बीजेपी सबसे पहले संसद में विधेयक लाएगी और फिर घुसपैठियों को निकालने के लिए देशभर में एनआरसी लागू करेगी।
अमित शाह ने कहा, ''शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी और वे पूरे सम्मान के साथ इस देश में रह सकेंगे। उन्हें ममता बनर्जी के भ्रमित करने वाले बयानों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।''
मध्य प्रदेश की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव ब्लास्ट और आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड के बाद चर्चा में आईं। प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव धमाके की आरोपी के तौर पर करीब 9 साल जेल में रहीं और फिर जमानत पर बाहर आईं।
शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर दिया था विवादित बयान
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था, "मैंने कहा था तेरा यानी मुंबई ATS प्रमुख स्वर्गीय हेमंत करकरे का सर्वनाश होगा... ठीक सवा महीने में सूतक लगता है, जिस दिन मैं गई थी, उस दिन उसके सूतक लग गया था, और ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने इसको मारा, उस दिन उसका अंत हुआ।" जिसके बाद बीजेपी ने इसे साध्वी प्रज्ञा का निजी बयान बताया था। हालांकि बाद में साध्वी प्रज्ञा ने इस बयान को वापस लेते हुए माफी मांग ली थी।