कांग्रेस ने कई दिनों से वाराणसी के उम्मीदवार को लेकर जारी अटकलों को गुरुवार को खत्म कर दिया। वाराणसी से इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर अजय राय ताल ठोकेंगे। अजय राय ने पिछली बार यहां से चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे थे जबकि अरविंद केजरीवाल दूसरे नंबर पर रहे थे। इससे पहले लगातार वाराणसी से कांग्रेस के टिकट पर प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलें लग रही थीं।
सपा-बसपा-आरएलडी के महागठबंधन ने वाराणसी के श्यामलाल यादव की बहू शालिनी यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा कांग्रेस ने गोरखपुर से भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने मधुसूदन तिवारी को गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिया है।
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में केजरीवाल को वाराणसी में दो लाख से ज्यादा वोट भले मिले थे और उन्हें पीएम मोदी से तीन लाख 80 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। नरेंद्र मोदी को पांच लाख 81 हजार वोट मिले थे, जबकि अरविंद केजरीवाल को दो लाख नौ हजार मत मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय तब तीसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन उन्हें 75 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।
वाराणसी को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। यहां 1991 से लेकर 2014 तक हुए सात लोकसभा चुनाव में 6 बार बीजेपी को जीत मिली है। 2004 में जरूर कांग्रेस के राजेश मिश्रा ने बीजेपी के शंकर प्रसाद जायसवाल को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।