बिहार ने गैर बिहारी नेताओं को लोकसभा में जगह दिलवाई, समाजवाद के जड़ को किया मजबूत
By एस पी सिन्हा | Updated: March 19, 2019 20:46 IST2019-03-19T20:46:08+5:302019-03-19T20:46:08+5:30
बिहार से बाहर के रहने वाले जेबी कृपलानी सबसे पहले बिहार से सांसद बने. वे सिंध (अब पाकिस्तान) के रहने वाले थे. वे सीतामढ़ी से सांसद निर्वाचित हुए थे. इसके बाद देश के बड़े समाजवादी नेता मधु लिमये पहले मुंगेर और बाद में बांका से सांसद बने. मधु लिमये महाराष्ट्र के रहने वाले थे.

बिहार ने गैर बिहारी नेताओं को लोकसभा में जगह दिलवाई, समाजवाद के जड़ को किया मजबूत
बिहार ने गैर बिहारियों को भी राजनैतिक रूप से मजबूत किया. शायद यही कारण है कि बिहार से बाहर के जो लोग भी सांसद बने और उनका राजनैतिक कद भी देश में बड़ा रहा. इसमें अधिकांश समाजवादी पृष्टभूमि के थे. यह भी कहा जा सकता है कि लोकतंत्र की जननी वैशाली और वैशाली की जननी बिहार का देश में समाजवाद की विचारधारा को मजबूत करने में बड़ा योगदान रहा है.
बिहार से बाहर के रहने वाले जेबी कृपलानी सबसे पहले बिहार से सांसद बने. वे सिंध (अब पाकिस्तान) के रहने वाले थे. वे सीतामढ़ी से सांसद निर्वाचित हुए थे. इसके बाद देश के बड़े समाजवादी नेता मधु लिमये पहले मुंगेर और बाद में बांका से सांसद बने. मधु लिमये महाराष्ट्र के रहने वाले थे.
उन्होंने बांका और मुंगेर सीट का प्रतिनिधित्व किया. वहीं, आपातकाल के बाद देश में हुए आम चुनाव में जार्ज फर्नांडिस मुजफ्फरपुर से चुने गये. मुजफ्फरपुर के बाद उन्होंने नालंदा का भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया. जार्ज फर्नांडिस कर्नाटक के रहने वाले थे. उसी तरह शरद यादव मधेपुरा से सांसद रहे. ये मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं.
इनके अलावा जानेमाने पत्रकार एमजे अकबर किशनगंज से सांसद बने थे. बिहार के राज्यपाल रहे मो. सलीम भी कटिहार से सांसद चुने गये थे. इन लोगों के अलावा भी अविभाजित बिहार में कई लोगों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. उसमें प्रसिद्ध समाजवादी नेता राजनारायण और देश के बड़े होटल कारोबारी एमएस ओबेराय शामिल हैं. समाजवादी नेता रामसेवक यादव ने भी किस्मत आजमाई थी.