राजस्थान से आने वाला टिड्डी दल मध्य प्रदेश के मुरैना की ओर मुड़ा, जिला स्तर पर बनाई गई समिति

By भाषा | Published: May 26, 2020 04:42 AM2020-05-26T04:42:08+5:302020-05-26T04:42:08+5:30

जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को बताया कि टिड्डियाँ 1 दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं, हालांकि इनके आगे बढ़ने की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है।

Locust party from Rajasthan turned towards Morena in Madhya Pradesh, committee formed at district level | राजस्थान से आने वाला टिड्डी दल मध्य प्रदेश के मुरैना की ओर मुड़ा, जिला स्तर पर बनाई गई समिति

टिड्डी (File Photo)

Highlightsटिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड बनाकर पेड़-पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं।ये टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आस-पास पहुँचकर जमीन पर बैठ जाते हैं।

मथुरा: पाकिस्तान से राजस्थान के रास्ते देश में प्रवेश करने वाला टिड्डी दल इन दिनों अब हवा के साथ मध्य प्रदेश के मुरैना की ओर मुड़ गया है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश राज्य के कृषि विभाग ने जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटियां गठित करके टिड्डी दलों के हमलों से बचाव के लिए किसानों को हर समय तैयार रहने को कहा है। इसके लिए किसानों को हर स्तर पर जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

उप निदेशक (कृषि प्रसार) डा. धुरेंद्र कुमार ने बताया, ‘‘टिड्डी दल राजस्थान के करौली व हिण्डौन व उत्तर प्रदेश के झांसी, बरुआ सागर होते हुए मध्यप्रदेश के बबीना, मुरैना क्षेत्र में फैल गया है। अभी वहीं बना हुआ है। परंतु, हवा के साथ कभी भी उत्तर प्रदेश के आगरा व मथुरा आदि जनपदों की ओर मुड़ सकता है। इसलिए किसानों व कृषि विभाग के अधिकारियों को इस मामले में पूरी तरह से सतर्क बने रहना होगा।’’ उन्होंने बताया, ‘‘कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान तथा कृषि विपणन तथा विदेश व्यापार एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव के हालिया निर्देशानुसार जिले में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन कर दिया गया है।

जिसमें उप निदेशक (कृषि प्रसार) मैं स्वयं, जिला कृषि अधिकारी तथा जिला कृषि रक्षा अधिकारी (सदस्य/सचिव) शामिल हैं। यह समिति जिलाधिकारी के पर्यवेक्षण में टिड्डी से बचाव के उपायों को लागू करने का कार्य करेगी।’’ उन्होंने बताया, ‘‘टिड्डी दल के राजस्थान की ओर से आने की सम्भावना के चलते जनपद के सीमावर्ती गांवों सौंख, मगोर्रा, बछगांव व पैंठा में जिला कृषि रक्षा अधिकारी रेखा शर्मा ने रविवार को भ्रमण करके ग्राम प्रधानों से दवाओं के छिड़काव की तैयारियों की समीक्षा की।’’

जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को बताया, ‘‘टिड्डी कीट समूह में रहते हैं। टिड्डियाँ 1 दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं, हालांकि इनके आगे बढ़ने की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है। टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड बनाकर पेड़-पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं। ये टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आस-पास पहुँचकर जमीन पर बैठ जाते हैं।’’

उन्होंने बताया, ‘‘टिड्डी दल शाम के समय समूह में पेड़ों, झाड़ियों एवं फसलों पर बसेरा करते हैं और वहीं पर रात गुजारते हैं। इसलिए इन पर इसी समय दवा छिड़काव करना चाहिए। अन्यथा ये रात भर फसलों को नुकसान पहुँचाते हैं और फिर सुबह 8 -9 बजे के करीब वहां से निकलते हैं। अंडा देने की अवधि में इनका दल एक स्थान पर 3 से 4 दिन तक रुक जाता है।’’

उन्होंने बताया कि बड़े आकार का टिड्डी दल राजस्थान राज्य से होते हुए मध्य प्रदेश से सटे बुंदेलखंड क्षेत्र की तरफ से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुका है। अतः सभी कृषक बंधुओं से अनुरोध है इस समय सजग रहें एवं टिड्डी दल की लोकेशन ज्ञात करते रहें। टिड्डी दल के आने पर उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आस-पास मौजूद घास-फूस का उपयोग करके धुआं करें, आग जलाएं, खेतों मे पटाखे फोड़कर, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें जिससे वे वहां न बैठकर आगे निकल जाएं। 

Web Title: Locust party from Rajasthan turned towards Morena in Madhya Pradesh, committee formed at district level

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