जी-20 की तैयारियों के बीच डर के साए में जी रहे है स्थानीय, कई यूट्यूब समाचार चैनलों ने बैठकों में हमले की जताई है आशंका
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 17, 2023 04:34 PM2023-05-17T16:34:25+5:302023-05-17T16:42:53+5:30
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे से लेकर श्रीनगर-गुलमर्ग तक के मार्ग पर सुरक्षा प्रबंध चाक चौबंद करने की खातिर अब सेना और बीएसएफ भी मैदान में उतर चुकी है। केरिपुब स्थानीय पुलिस की सहायता कर रही है पर बावजूद इसके स्थानीय नागरिकों में अजीब सा खौफ है।
जम्मू: चार दिन के बाद जिस जी-20 की बैठकों के लिए जम्मू कश्मीर सज रहा है उसमें तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि अफवाहों के बाजार आम नागरिकों को त्रस्त किए हैं। इसमें उन कुछ अति उत्साही अधिकारियों की भी खास भूमिका है जो आतंकी हमलों की संभावनाओं को बार-बार व्यक्त कर रहे हैं।
कुछ लोग डर-डर की जी रहे तो कुछ ने किया पलायन
नतीजा सामने है, कश्मीर में सरकारी नौकरी कर रहे कई कश्मीरी पंडित कर्मचारी छुट्टियां लेकर जम्मू समेत अन्य इलाकों की ओर कूच कर चुके हैं तो वे 500 के करीब जम्मू संभाग के रहने वाले सचिवालय के कर्मचारी जो साइलेंट ‘दरबार मूव’ का हिस्सा हैं श्रीनगर में डर डर कर जीने को मजबूर हैं। जबकि कश्मीर के कई इलाकों से स्थानीय नागरिक भी कथित तौर पर पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
जी-20 को लेकर सुरक्षा है चाक चौंबंध
यूं तो दावे किए जा रहे हैं कि जी-20 की बैठकों के लिए सुरक्षा प्रबंध ऐसे हैं कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता है पर अतीत की घटनाएं यह साबित करती रही हैं कि आतंकी जब चाहें और जहां चाहें अपनी ताकत का प्रदर्शन करने में हमेशा कामयाब रहे हैं।
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे से लेकर श्रीनगर-गुलमर्ग तक के मार्ग पर सुरक्षा प्रबंध चाक चौबंद करने की खातिर अब सेना और बीएसएफ भी मैदान में उतर चुकी है। केरिपुब स्थानीय पुलिस की सहायता कर रही है पर बावजूद इसके स्थानीय नागरिकों में अजीब सा खौफ है। इस खौफ को बनाए रखने में कई यूट्यूब समाचार चैनल और समाचारों वाले व्हासट्सएप ग्रुप अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
खबरी यूट्यूब चैनल क्या कर रहे है दावा
अगर एक ऐसे ही एक यूट्यूब खबरिया चैनल पर विश्वास करें तो आतंकी 26/11 की तरह का हमला करवा कर कहर बरपा सकता हैं। जबकि दूसरे खबरिया यूट्यूब चैनल की मानें तो उसके सूत्र बता रहे हैं कि आतंकी बंधक प्रकरण खड़े कर परिदृश्य में आ सकते हैं। उसके मुताबिक, आतंकी किसी यात्री बस को हाईजैक करके या फिर किसी स्कूल में घुसकर ऐसे बंधक प्रकरण खड़ा कर सकते हैं।
आतंकी हमलों पर क्या है कहना है सुरक्षाबलों का
हालांकि सुरक्षाधिकारी जी-20 की बैठकों पर आतंकी खतरे को स्वीकार करते हैं पर कहते थे कि आतंकियों के पास अब इतनी ताकत नहीं बची है कि वे ऐसे हमलों को अंजाम दे सकें। कश्मीर रेंज के एडीजीपी विजय कुमार के बकौल, आतंकी गिने चुने ही बचे हैं जो अपनी मांद से निकलने में भी अब घबरा रहे हैं।
पाकिस्तान को लेकर अधिकारी क्या दावा कर रहे है
यह बात अलग है कि कई अधिकारी इतना दावा जरूर करते थे कि पाकिस्तान के हालत को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि अक्सर देखा गया है कि पाकिस्तान अपने जहां बने हालात से अपनी जनता का ध्यान बंटाने के लिए अक्सर कश्मीर में अपने पिट्ठू आतंकियों के जरीए कुछ बड़ा कांड करवाता रहा है।