स्थानीय उद्यमियों ने बेरीनाग चाय को पुनर्जीवित किया
By भाषा | Published: November 12, 2020 10:01 PM2020-11-12T22:01:09+5:302020-11-12T22:01:09+5:30
पिथौरागढ़, 12 नवंबर अपने विशिष्ट स्वाद और सुगंध के कारण 1960 के दशक तक लंदन, कोलकाता और चीन के चाय बाजारों पर राज करने वाली बेरीनाग चाय को युवा उद्यमियों के एक समूह ने पुनर्जीवित कर दिया है ।
एक अधिकारी ने कहा कि उद्यमियों ने जिले के बेरीनाग उप-मंडल में 8.7 हेक्टेयर निजी भूमि पर एक सहकारी संस्था के माध्यम से बेरीनाग चाय की पौध लगाई और एक वर्ष में लगभग 3500 किलोग्राम चाय की पत्ती उगाई ।
नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर चाय ब्रांड के पैकेट लांच करने वाले जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक कविता भगत ने कहा, ‘' यह एक अच्छी पहल है कि कुछ युवा उद्यमियों ने इस चाय ब्रांड को पुनर्जीवित किया है जिसने 1900 से 1964 तक लंदन, कोलकाता और चीन के चाय बाजारों पर राज किया था ।'’
इस ब्रांड को पुनर्जीवित करने वाली बेरीनाग के पांखू गांव में स्थित ‘पर्वतीय चे उत्पादक स्वयक्ता सहकारी समिति’ के अध्यक्ष विनोद कार्की ने बताया, '‘ हमने शुरुआत के लिए बाज़ार में आधे किलो के पैकेट लॉन्च किए हैं और खरीददारों की पसंद के आधार पर हम इसके उत्पादन और पैकेजिंग दोनों का विस्तार करेंगे।’’
उन्होंने कहा, "अगर लोग इस चाय को खरीदते हैं तो हमारी अगले साल तक 15,000 किलोग्राम बेरीनाग चाय की पत्तियों का उत्पादन करने की योजना होगी ।'’
कार्की ने बताया कि केंद्र की एमएसएमई योजना के तहत बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के बाद इसका उत्पादन शुरू किया गया।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान चाय की पत्तियों का उत्पादन करने के लिए अपनी जमीन देने के लिए तैयार हैं क्योंकि उनकी अन्य फसलें जंगली जानवरों द्वारा नष्ट की जा रही हैं ।
क्षेत्र के छह गांवों ने अब तक चाय उत्पादन के लिए अपनी जमीन दी है और निकट भविष्य में कुछ और गांव आगे आ सकते हैं।
चाय बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘'यह राज्य की पहली सहकारी समिति है जिसने राज्य में चाय की पत्तियों का उत्पादन शुरू किया है।'’
बेरीनाग चाय आसानी से किसी भी नीलामी में 1500 से 2000 प्रति किलोग्राम की कीमत प्राप्त कर सकती है।
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