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एलओसी पर बर्फबारी से तबाही, कई स्थानों पर तारबंदी टूटी!, भीषण सर्दी से जूझ रहा जम्मू-कश्मीर, कई राजमार्ग बंद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 8, 2020 17:51 IST

जम्मू-कश्मीरः मौसम विभाग ने 8 और 9 दिसंबर को जम्मू संभाग में मुगल रोड और लेह में जोजिला पास को अस्थायी तौर पर बंद रहने की घोषणा की है।

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ठळक मुद्देबारिश व बर्फबारी के बाद जम्मू-श्रीनगर हाइवे वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।जवाहर टनल के पास भारी बर्फबारी हो रही है।

जम्मूः कश्मीर के पहाड़ों पर हो रही जबरदस्त बर्फबारी ने एलओसी के इलाकों में भयानक तबाही मचाई है। खासकर सैन्य प्रतिष्ठान और सैनिक इसके शिकार हो रहे हैं।

घुसपैठियों को रोकने की खातिर लगाई गई तारबंदी भी कई स्थानों पर ढह गई है, जिस कारण सेना को मौसम की भयानक परिस्थितियों में चौकसी और सतर्कता को बढ़ाना पड़ा है। इस बीच जबरदस्त बर्फ गिरने के कारण प्रदेश भयानक सर्दी के दौर से गुजर रहा है जबकि कई राजमार्ग यातायात के के लिए बंद किए जा चुके हैं।

बर्फबारी ने उस तारबंदी को बुरी तरह से कई इलाकों में क्षतिग्रस्त कर दिया है जो पाकिस्तानी क्षेत्र से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए लगाई गई थी। हालांकि यह कोई पहला अवसर नहीं था जब तारबंदी को बर्फबारी ने क्षति पहुंचाई हो बल्कि हर साल होने वाली बर्फबारी तारबंदी को नुक्सान पहुंचाती है और फिर सेना के जवान उसे नए सिरे से खड़ा करते हैं।

सेना प्रवक्ता का कहना था कि फिलहाल इसके प्रति अंदाजा लगाना कठिन है कि तारबंदी के कितने किमी के हिस्से को क्षति पहुंची है क्योंकि एलओसी के ऊंचाई वाले इलाकों में फिलहाल बर्फबारी रूकी नहीं थी तथा वहां तक सेना के जवान पहुंचने में कामयाब नहीं हुए थे।

इतना जरूर था कि बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुर्द तारबंदी सेना के लिए मुसीबत इसलिए बन गई है क्यांेकि हर बार उसका यह अनुभव रहा है कि आतंकी टूटी हुई तारबंदी का सहारा लेकर घुसने की कोशिश करते रहते हैं। यही कारण है कि तारबंदी के क्षतिग्रस्त होने के बाद सेना को एलओसी पर चौकसी तथा सतर्कता को और बढ़ाना पड़ा है क्योंकि पूर्व में भी पाक सेना इन्हीं परिस्थितियों का लाभ उठाने की कोशिश करती रही है।

भारी बर्फबारी के बावजूद सेना एलओसी की उन पोस्टों से अपने जवानों को हटाने को तैयार नहीं थी जो 10-15 फुट बर्फ के नीचे दब गई हैं। रक्षा प्रवक्ता कहते थे कि असल में तारबंदी भी बर्फ के नीचे दफन हो गई है और इन पोस्टांे से सैनिकों को हटा लिए जाने का मतलब साफ होता कि घुसपैठियों को कश्मीर की एलओसी पर दूसरा करगिल प्रकरण तैयार करने का मौका प्रदान करना।

इसे भूला नहीं जा सकता कि तारबंदी पाक सेना के लिए परेशानी का सबब इसलिए बन चुकी है क्योंकि इसने आतंकियों के कदमों को रोक दिया है। यही कारण है कि पकड़े गए आतंकी पूछताछ के दौरान रहस्योदघाटन करते हैं कि उस पार प्रशिक्षण शिविरों में गोला-बारूद दागने के अतिरिक्त तारबंदी को फांदने और उसे काटने के तरीके भी सिखाए जाते हैं। और मारे गए आतंकियों के कब्जे से ऐसे औजार अक्सर बरामद किए गए हैं जो तारबंदी को काटने में काम आते हैं। इसे आधिकारिक तौर पर माना जा रहा है कि आतंकी कई बार तारबंदी को काट घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं।

इस बीच प्रदेश में सुबह से ही ठिठुरन बढ़ी हुई है। पुंछ-सोपोर को जोड़ने वाला मुगल रोड भी बर्फबारी के चलते मंगलवार को बंद है। वहीं लेह को जोड़ने वाले मार्ग पर भी बर्फबारी हुई है जिस कारण इसे बंद कर दिया है। वहीं ट्रांसपोर्टरों के किसानों के समर्थन में वाहनों के बंद रखने के आह्वान के बीच लोग सर्दी से बचने के लिए घरों से नहीं निकल रहे। अन्य दिनों की तुलना में मंगलवार को ठंड के बीच लोग घरों से कम ही बाहर निकले।

पिछले चौबीस घंटों के दौरान जम्मू में अधिकतम तापमान 26.1 व न्यूनतम तापमान 12.2 तथा श्रीनगर में अधिकतम तापमान 9.5 व न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कटड़ा में 21.4 व 12.2 तथा कारगिल में 4.8 व -4.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरपाकिस्तानभारतीय सेनागृह मंत्रालय
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